क्या कांग्रेस के पार्टीशन स्वीकारने से आतंकवाद की जड़ बना पाकिस्तान?

सारांश
Key Takeaways
- कांग्रेस ने पार्टीशन स्वीकार कर पाकिस्तान को जन्म दिया।
- पोटा कानून का विरोध कर कांग्रेस ने आतंकवादियों को सुरक्षा दी।
- 2004 में मनमोहन सिंह सरकार ने पोटा को रद्द किया।
- कश्मीर में अब आतंकवाद की स्थिति नियंत्रित है।
- अमित शाह ने कांग्रेस के नेतृत्व को चुनौती दी है।
नई दिल्ली, 29 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में 'ऑपरेशन सिंदूर' पर बहस के दौरान कांग्रेस पार्टी पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस ने देश के विभाजन को स्वीकृत नहीं किया होता, तो आतंकवाद की समस्या इतनी गंभीर नहीं होती।
अमित शाह ने कहा, "मैं सदन में बताना चाहता हूँ कि आतंकवाद की जड़ पाकिस्तान है। पाकिस्तान एक कांग्रेस पार्टी की भूल है। यदि कांग्रेस ने पार्टीशन को स्वीकार नहीं किया होता, तो यह सब कभी नहीं होता। इन्होंने (कांग्रेस) पार्टीशन को स्वीकार करके हमारे देश को तोड़ा है।"
उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी सरकार द्वारा 2002 में लाए गए पोटा (प्रिवेंशन ऑफ टेरेरिज्म एक्ट) कानून का जिक्र किया और कांग्रेस पर इसके विरोध का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "कौन था जिसने 'पोटा कानून' का विरोध किया? हमारे पास राज्यसभा में बहुमत नहीं था और हमें मजबूरन संयुक्त सत्र बुलाना पड़ा, तब जाकर यह पास हुआ। कांग्रेस 'पोटा' रोककर किसे बचाना चाहती थी? 'पोटा' तो आतंकवादियों के खिलाफ था। वोट बैंक के लिए 'पोटा' रोककर आपने आतंकियों को बचाने का काम किया।"
शाह ने 2004 में मनमोहन सिंह सरकार द्वारा 'पोटा कानून' रद्द करने का उल्लेख करते हुए सवाल उठाया। उन्होंने कहा, "2004 में आते ही मनमोहन सिंह सरकार ने पहली कैबिनेट में 'पोटा कानून' को रद्द कर दिया। इसके बाद क्या हुआ। 2004 के दिसंबर में 'पोटा' रद्द हुआ और 2005 में रामलला के टैंट पर हमला हुआ। 2006 में मुंबई लोकल ट्रेन में बम धमाके, जिसमें 187 लोगों की मौत। 2006 में डोडा में हिंदुओं पर हमला हुआ, जिसमें 34 लोग मारे गए। 2007 में हैदराबाद में 44 लोग मारे गए। 2007 में लखनऊ और वाराणसी में 13 लोग मारे गए। 2008 में रामपुर सीआरपीएफ कैंप पर हमला हुआ। 2008 में श्रीनगर में आर्मी के काफिले पर हमला हुआ और 10 जवान शहीद हुए। 2008 में मुंबई में हुए आतंकी हमले में 246 लोगों की मौत, जयपुर के 8 बम धमाकों में 64 लोगों की मौत। अहमदाबाद में हुए 21 बम धमाकों में 57 लोग मारे गए। 2008 में दिल्ली में हुए पांच धमाकों में 22 लोगों की मौत हुई। पुणे की जर्मन बेकरी में हुए धमाकों में 17 लोग मारे गए।"
अमित शाह ने कहा, "पाकिस्तान की ओर से 27 हमले हुए, जिसमें करीब 1000 लोग मारे गए, और कांग्रेस सरकार ने कुछ नहीं किया। मैं राहुल गांधी को चुनौती देता हूँ कि वह बताएं कि उन्होंने इन आतंकी हमलों के खिलाफ क्या किया? उन्होंने कुछ नहीं किया और सिर्फ यहाँ से आतंकवादियों के फोटो पाकिस्तान भेजते रहे। साथ ही, ये कहते हैं कि हमारे समय में भी हमले होते रहे। मैं उन्हें यह अंतर समझाना चाहता हूँ।"
शाह ने कहा, "2014 से 2025 तक उनकी सरकार के कार्यकाल में एक भी आतंकी घटना नहीं हुई। कश्मीर में अब ऐसी स्थिति है कि उन्हें आतंकी भेजने पड़ते हैं, अब वहाँ आतंकी नहीं बनते।"
शाह ने कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद का हवाला देते हुए दावा किया कि बाटला हाउस एनकाउंटर के बाद सोनिया गांधी 'फूट-फूटकर' रोई थीं। शाह ने कहा, "उन्होंने (सलमान खुर्शीद) बताया था कि बाटला हाउस की घटना पर सोनिया गांधी फूट-फूटकर रोने लगीं। अगर उनको रोना था तो वह शहीद मोहन शर्मा के लिए रोतीं। उन्हें बाटला हाउस आतंकियों के लिए रोना आता है? और ये हमें पूछते हैं कि आपने क्या किया। मैं कहूंगा कि उन्हें पूछने का कोई अधिकार नहीं है।"