क्या कांग्रेस प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ नैरेटिव गढ़ रही है?: टॉम वडक्कन

सारांश
Key Takeaways
- कांग्रेस पर प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ नैरेटिव गढ़ने का आरोप।
- महिलाओं के सम्मान का मुद्दा उठाया गया।
- राहुल गांधी की उपस्थिति पर सवाल।
- राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का खेल।
- संविधान और संस्थाओं की गरिमा की चिंता।
नई दिल्ली, 12 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता टॉम वडक्कन ने कांग्रेस पार्टी और इंडी गठबंधन पर प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ नए नैरेटिव गढ़ने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि एक मां का अपमान करना देश की महिलाओं और बहनों का अपमान करने के बराबर है।
टॉम वडक्कन ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "कांग्रेस पार्टी और इंडी गठबंधन मिलकर लगातार नए-नए नैरेटिव गढ़ रहे हैं। ताजा उदाहरण हम सबके सामने है। प्रधानमंत्री का अपनी मां और परिवार के प्रति प्रेम सबको पता है, लेकिन बिहार की एक सभा में कांग्रेस से जुड़े नेता ने प्रधानमंत्री के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की और बाद में कहा गया कि पार्टी का इससे कोई लेना-देना नहीं है।"
वडक्कन ने कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा के बयान का जिक्र करते हुए कहा, "आज यह साफ होता है कि कांग्रेस हाईकमान और इंडी गठबंधन इस तरह के एजेंडे को आगे बढ़ा रहे हैं। पवन खेड़ा ने भी इस टिप्पणी को गलती मानने से इनकार किया, जिसका सीधा मतलब है कि पार्टी इस हरकत को सही ठहराती है। मां या बहन का अपमान केवल एक व्यक्ति का नहीं, बल्कि पूरे देश की माताओं और बहनों का अपमान है। यह हिंदुस्तान के लिए संदेश है कि अगर इनका शासन कहीं भी आता है तो महिलाओं के सम्मान की कोई गारंटी नहीं होगी।"
टॉम वडक्कन ने राहुल गांधी के उपराष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं होने पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, "यह कोई पहली बार नहीं है, बल्कि कांग्रेस और इंडी गठबंधन का पैटर्न बन चुका है। स्वतंत्रता दिवस जैसे राष्ट्रीय अवसर पर भी उनकी कुर्सी खाली रही। उनको बुलाते हैं तो वह इसमें शामिल नहीं होते हैं।"
वडक्कन ने राहुल गांधी की बयानबाजी पर तंज कसते हुए कहा, "अब इनकी बयानबाजी को देखिए, कहा गया कि उनकी लड़ाई 'इंडियन स्टेट' से है। यह केवल राजनीतिक मतभेद नहीं, बल्कि संवैधानिक संस्थाओं और प्राधिकारियों को चुनौती देने की मानसिकता है। यह वही मानसिकता है जो विदेशी दौरों और बाहरी मंचों पर भारत की छवि को नुकसान पहुंचाने वाली हरकतों में दिखाई देती है। हिंदुस्तान की जनता इन सबको बारीकी से देख रही है। यह स्पष्ट है कि कांग्रेस और उसका गठबंधन केवल सत्ता की राजनीति नहीं कर रहा, बल्कि देश की संस्थाओं और परंपराओं को कमजोर करने की मुहिम चला रहा है।