क्या राज्यसभा में प्रदूषण का मुद्दा उठाया गया? कांग्रेस सांसद ने कहा- डॉक्टर दे रहे हैं दिल्ली छोड़ने की सलाह

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क्या राज्यसभा में प्रदूषण का मुद्दा उठाया गया? कांग्रेस सांसद ने कहा- डॉक्टर दे रहे हैं दिल्ली छोड़ने की सलाह

सारांश

क्या दिल्ली की सर्दियां अब प्रदूषण के कारण ख़तरनाक बन गई हैं? राज्यसभा में कांग्रेस सांसद रंजीत रंजन ने मेडिकल सलाह का जिक्र किया, जिसमें डॉक्टर सर्दियों में दिल्ली छोड़ने की सलाह दे रहे हैं। यह मुद्दा न केवल स्वास्थ्य पर प्रभाव डाल रहा है, बल्कि दिल्लीवासियों के लिए एक गंभीर चिंता का विषय बन गया है।

Key Takeaways

  • दिल्ली में प्रदूषण एक गंभीर समस्या बन चुकी है।
  • डॉक्टर सर्दियों में दिल्ली छोड़ने की सलाह दे रहे हैं।
  • कांग्रेस सांसद ने 17 लाख मौतों का उल्लेख किया है।
  • स्वच्छ हवा और पानी का महत्व समझना आवश्यक है।
  • यह मानव की गलती है, जिसे सुधारने की जरूरत है।

नई दिल्ली, 4 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। पहले दिल्ली की सर्दियां गुदगुदाती थीं, लेकिन अब जैसे ही सर्दी का मौसम आता है, दिल्ली में भयंकर और जहरीला प्रदूषण छा जाता है, जो स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक है। यह बात गुरुवार को राज्यसभा में कही गई। यहां बताया गया कि डॉक्टर सर्दियों में दिल्ली छोड़ने की सलाह दे रहे हैं। कांग्रेस सांसद रंजीत रंजन ने यह जानकारी प्रस्तुत की।

उन्होंने कहा कि दिल्ली में प्रदूषण एक गंभीर समस्या बन गया है। पिछले 10 वर्षों से दिल्ली प्रदूषण के कारण कराह रही है। उन्होंने कहा कि लोग अब जहरीली हवा में सांस ले रहे हैं। देश के लगभग 60 प्रतिशत जिले प्रदूषित हवा की चपेट में हैं। रंजीत रंजन ने कहा कि पहले लोग हल्की ठंड में मॉर्निंग वॉक के लिए निकलते थे, लेकिन अब डॉक्टरों की सलाह है कि यदि आप खर्च उठा सकते हैं तो सर्दियों में दिल्ली छोड़ दें

उन्होंने कहा कि यह स्थिति पिछले 10 वर्षों से बनी हुई है कि दीपावली के बाद डॉक्टर दिल्ली में न रहने की सलाह देते हैं।

रंजीत रंजन ने कहा कि कुछ लोग इस सलाह को मानते हुए दिल्ली छोड़ सकते हैं, लेकिन दिल्ली के सभी पौने तीन करोड़ लोग यहां से कैसे जा सकते हैं? यहां नौकरी करने वाले, कॉलेज जाने वाले और स्कूल जाने वाले लोगों को दिल्ली छोड़ने के लिए कैसे कहा जा सकता है? उन्होंने श्रमिकों का उदाहरण देते हुए कहा कि यदि दिल्ली का सामान्य वायु प्रदूषण सूचकांक 300 है, तो निर्माण कार्य में लगे श्रमिकों का वायु प्रदूषण सूचकांक 1000 तक पहुंच जाता है।

उन्होंने सदन में कहा कि वायु प्रदूषण के कारण लगभग 17 लाख व्यक्तियों की मृत्यु हो चुकी है। उन्होंने डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि इस रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2024 में वायु प्रदूषण से 17 लाख लोगों की मृत्यु हुई है।

उन्होंने बच्चों और बुजुर्गों के स्वास्थ्य पर वायु प्रदूषण के दुष्प्रभावों पर चिंता व्यक्त की।

उन्होंने कहा कि डॉक्टर अब मॉर्निंग वॉक या टहलने की सलाह नहीं दे रहे हैं। वहीं, खिलाड़ियों को प्रैक्टिस के लिए भी मना किया जा रहा है।

कांग्रेस सांसद ने कहा कि इस गंभीर स्थिति के लिए हम सब जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि सदन में बैठे हर सदस्य को प्रदूषण के लिए दोषी ठहराया जा सकता है। उन्होंने कहा कि हम सभी की यह जिम्मेदारी है

उन्होंने कहा कि स्वच्छ हवा और पानी जो हमें प्रकृति देती है, उसे भी हमने दूषित कर दिया है। यह प्रदूषण प्राकृतिक नहीं, बल्कि मानव की भूल है।

Point of View

NationPress
09/12/2025

Frequently Asked Questions

दिल्ली में प्रदूषण का मुख्य कारण क्या है?
दिल्ली में प्रदूषण के मुख्य कारणों में वाहनों का बढ़ता जाम, औद्योगिक धुएं और निर्माण कार्य शामिल हैं।
क्या डॉक्टरों की सलाह सही है?
जी हां, डॉक्टरों की सलाह इस बात पर आधारित है कि दिल्ली का प्रदूषण स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
दिल्ली में प्रदूषण से कैसे बचा जा सकता है?
दिल्ली में प्रदूषण से बचने के लिए मास्क पहनना, और घर के अंदर रहना बेहतर उपाय हो सकते हैं।
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