क्या धर्म की नगरी काशी का धनवंतरी कुआं है चमत्कारी?
सारांश
Key Takeaways
- धनवंतरी कुआं काशी का एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है।
- यहां का जल पीने से स्वास्थ्य लाभ मिलता है।
- यहां हर दिन लंबी कतारें लगती हैं।
- भगवान धनवंतरी की पौराणिक कथा से जुड़ा है यह कुआं।
- महामृत्युंजय मंदिर परिसर में स्थित है।
वाराणसी, 20 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। धर्म की नगरी काशी में अनेक रहस्यमय और पौराणिक स्थान हैं। इनमें से एक अद्भुत स्थल है धनवंतरी कुआं, जो वाराणसी के महामृत्युंजय मंदिर परिसर में स्थित है। यहां का पानी पीने के लिए हर दिन लंबी कतारें लगती हैं।
कहा जाता है कि भगवान धनवंतरी, जो देवताओं के चिकित्सक माने जाते हैं और आयुर्वेद के देवता के रूप में प्रसिद्ध हैं, ने इस स्थान पर वर्षों तक कठोर तप किया। जब वे देवलोक की ओर जा रहे थे, तब उन्होंने अपनी सभी औषधियां इस कुएं में डाल दीं। तभी से यह विश्वास किया जाता है कि इस कुएं का जल पीने से अनेक रोगों से छुटकारा मिलता है। यही कारण है कि यहां प्रतिदिन दूर-दूर से लोग इस धनवंतरी कूप का जल पीने आते हैं।
मंदिर परिसर में कुल आठ घाट हैं, लेकिन सिर्फ एक घाट से जल निकाला जाता है। प्राचीन काल में यहां सात कुएं थे। वर्तमान में यह कुआं महामृत्युंजय महादेव मंदिर के भीतर श्रद्धालुओं के लिए खुला है। लोग यहां भगवान धनवंतरी के चमत्कारी जल का सेवन कर स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करने के लिए आते हैं। जल पिलाने के लिए हमेशा इस कूप के पास सात-आठ लोग रहते हैं, ताकि सभी श्रद्धालुओं को आसानी से पानी मिल सके।
यह स्थल उन लोगों के लिए भी महत्वपूर्ण है जो काशी विश्वनाथ मंदिर नहीं जा पाते। वे महामृत्युंजय मंदिर में महादेव के दर्शन कर और इस पवित्र जल का सेवन करके लाभान्वित होते हैं। यह मंदिर इसलिए भी खास है क्योंकि एक ही परिसर में कई देवताओं का निवास है।
यहां द्वादश ज्योतिर्लिंग के दो अंश नागेश्वर और महाकालेश्वर महादेव भी स्थित हैं। इन ज्योतिर्लिंगों को सतयुग का और स्वयंभू माना जाता है। इस परिसर में नए शिवलिंग का स्थापना नहीं हुई है, बल्कि सभी ज्योतिर्लिंग स्वयं उपस्थित हैं।