क्या 'धुरंधर' जैसी फिल्मों से विदेश में भारत की छवि प्रभावित होती है? हुसैन दलवई का दावा

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क्या 'धुरंधर' जैसी फिल्मों से विदेश में भारत की छवि प्रभावित होती है? हुसैन दलवई का दावा

सारांश

क्या 'धुरंधर' जैसी फिल्में विदेश में भारत की छवि को प्रभावित कर रही हैं? कांग्रेस नेता हुसैन दलवई ने अपनी राय रखी है। जानिए पूरी कहानी और उनके विचारों के पीछे की वजह।

Key Takeaways

  • धुरंधर फिल्म पर विदेशों में बैन लग सकता है।
  • कांग्रेस नेता हुसैन दलवई का मानना है कि फिल्में भारत की छवि को प्रभावित करती हैं।
  • धर्म विशेष को टारगेट करने वाली फिल्में नहीं बनानी चाहिए।
  • राजनीति में वोट खरीदना गलत है।
  • फिल्मों के माध्यम से समाज के मुद्दों पर चर्चा होनी चाहिए।

मुंबई, 12 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। फिल्म अभिनेता रणवीर सिंह की फिल्म 'धुरंधर' को लेकर कांग्रेस नेता हुसैन दलवई ने कहा है कि ऐसी फिल्मों से विदेश में भारत की छवि को नुकसान पहुंचता है।

मुंबई में राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए उन्होंने यह स्वीकार किया कि उन्होंने 'धुरंधर' फिल्म नहीं देखी है, लेकिन उनका मानना है कि इस प्रकार की फिल्मों से भारत की छवि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खराब होगी।

कांग्रेस नेता का यह बयान ऐसे समय आया है जब भारत में फिल्म की सराहना की जा रही है।

कई खाड़ी देशों में 'धुरंधर' पर प्रतिबंध लगाने के संबंध में हुसैन दलवई ने कहा कि बैन करने में कोई समस्या नहीं होनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि उन देशों का मानना होगा कि फिल्म आपत्तिजनक है, इसलिए इसे बैन करना उनका अधिकार है। यदि हमारे देश के खिलाफ कोई फिल्म आती है, तो हम भी उसे बैन कर देंगे। ऐसे में उनके बैन करने में क्या गलत है? उन्होंने कुछ पूर्व में आई फिल्मों का उल्लेख करते हुए कहा कि कश्मीर फाइल्स जैसी फिल्म भाजपा के अनुसार थी। भाजपा और उनकी नीतियों को खुश करने के लिए ऐसी फिल्में बनाई गईं।

कांग्रेस नेता ने कहा कि मैंने अभी तक 'धुरंधर' फिल्म नहीं देखी है। यदि यह किसी धर्म विशेष को निशाना बनाकर बनाई गई है, तो यह उचित नहीं है।

हुसैन दलवई का मानना है कि किसी धर्म को टारगेट करने वाली फिल्में नहीं बनानी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की फिल्में देश के मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए बनाई जाती हैं। लोगों के शिक्षा और रोजगार के मुद्दों पर बात होनी चाहिए।

उन्होंने असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा के इस बयान का समर्थन किया है, जिसमें उन्होंने कहा कि यदि मुस्लिमों को एक-एक लाख रुपये भी दिए जाएं, तब भी मुस्लिम समुदाय उन्हें वोट नहीं देगा। दलवई ने कहा कि असम के सीएम बिल्कुल सही बात बोल रहे हैं, मुसलमान मजहब के प्रति प्रतिबद्ध हैं। पैसे से कोई हमें खरीद नहीं सकता। सरमा ने सच्चाई बताई है, मैं इसका स्वागत करता हूं। किसी भी मुसलमान को खरीदा नहीं जा सकता। राजनीति में वोट खरीदना घिनौनी बात है। दूसरी बात, मुसलमान खरीदे नहीं जाते हैं।

Point of View

लेकिन हमें यह भी ध्यान में रखना चाहिए कि ये विचार सकारात्मक हों।
NationPress
12/12/2025

Frequently Asked Questions

क्या 'धुरंधर' फिल्म में कोई विवाद है?
हां, हुसैन दलवई ने कहा है कि ऐसी फिल्मों से भारत की छवि प्रभावित होती है।
क्या असम के मुख्यमंत्री का बयान महत्वपूर्ण है?
जी हां, उन्होंने कहा था कि पैसे से मुसलमानों को नहीं खरीदा जा सकता, जो एक सच्ची बात है।
क्या फिल्मों को बैन करना सही है?
यह एक विवादास्पद मुद्दा है, लेकिन कुछ देश इसे अपने अधिकार के तहत कर सकते हैं।
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