क्या 'ध्वजारोहण' का संदेश है कि सनातन के मंदिरों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा सकता?
सारांश
Key Takeaways
- ध्वजारोहण ने देश में एकता का संदेश भेजा है।
- कोई भी हमलावर सनातन धर्म के मंदिरों को नुकसान नहीं पहुंचा सकता।
- राजनीतिक नेताओं की अनुपस्थिति का विशेष उल्लेख किया गया।
- इस कार्यक्रम ने सांस्कृतिक पहचान को महत्वपूर्णता दी है।
- धर्म ध्वजा का फहराना एक ऐतिहासिक पल है।
नई दिल्ली, २५ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। अयोध्या के राम मंदिर में ध्वजारोहण होने पर भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि आज पूरे देश में एक संदेश जा रहा है। कोई भी हमलावर भारत में सनातन धर्म के मंदिरों को नुकसान पहुंचाने की हिम्मत नहीं कर सकता है।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बात करते हुए कहा कि एक अच्छे मुहूर्त में कार्यक्रम सफल हुआ है। देश भर में खुशी देखने को मिल रही है। इसके साथ ही देश में संदेश जा रहा है कि भगवा ध्वज की ऊंचाई बहुत ऊंची है, इसको प्रधानमंत्री ने फहरा दिया है। लोगों को देश में एकता का संदेश देना चाहिए।
विपक्ष पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा प्रमुख अखिलेश यादव और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी अयोध्या में राम मंदिर नहीं गए। अखिलेश यादव इसलिए नहीं जा रहे हैं क्योंकि उनके राज में राम भक्तों पर गोलियां चलाई गईं, जिससे नदियों का पानी लाल हो गया था, जिसका सिंबल उनकी लाल टोपी है। वह अयोध्या क्यों जाएंगे? राहुल गांधी भी इसलिए नहीं जाना चाहते क्योंकि उनकी सरकार ने कोर्ट में श्री राम के होने से इनकार किया था।
उन्होंने कहा कि पूरे देश के लोगों की इच्छा थी कि धर्म ध्वजा राम मंदिर के शिखर पर फहराए, जिसको आज फहरा दिया गया है। इसमें कोई विवाद देखने को नहीं मिल रहा है। इसीलिए मेरा मानना है कि किसी को विवादित बयान नहीं देना चाहिए, देश में एकता के साथ रहना चाहिए।
शाहनवाज हुसैन ने कहा कि कांग्रेस के लोग श्रीराम के अस्तित्व को नहीं मानते थे और अब जब ध्वजा फहराया जा रहा है तो दुखी हो रहे हैं। मेरा मानना है कि किसी को दुखी नहीं होना चाहिए।
एसआईआर पर उन्होंने कहा, "पश्चिम बंगाल के बीएलओ ने बिल की तारीफ की थी। एसआईआर को पश्चिम बंगाल में बहुत अच्छे से लागू किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी परेशान हैं और चुनाव आयोग पर निशाना साधते हुए बयान दे रही हैं। इससे कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है। बस बांग्लादेशी लोगों के वोट कटने वाले हैं। बीएलओ अपना काम सही से कर रहे हैं।"