क्या डॉ. रामविलास वेदांती महाराज का जीवन रामकाज को समर्पित था?

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क्या डॉ. रामविलास वेदांती महाराज का जीवन रामकाज को समर्पित था?

सारांश

डॉ. रामविलास वेदांती महाराज का जीवन अयोध्या और रामलला के प्रति समर्पित रहा। सीएम योगी ने उनकी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके योगदान को याद किया। उन्होंने कहा कि वेदांती महाराज का जीवन न सिर्फ रामकाज के प्रति समर्पित था, बल्कि उनका योगदान भी अमिट रहेगा। जानें उनके अद्भुत जीवन की कहानी।

Key Takeaways

  • डॉ. रामविलास वेदांती महाराज का जीवन रामकाज को समर्पित था।
  • उनका योगदान अयोध्या धाम के विकास में अमूल्य रहा।
  • सीएम योगी ने उनकी स्मृति को नमन किया।
  • 25 नवंबर को भव्य मंदिर के धर्मध्वजा आरोहण समारोह में उनकी उपस्थिति महत्वपूर्ण थी।
  • उनका जीवन और कार्य हमें रामकाज के प्रति समर्पित रहने की प्रेरणा देते हैं।

अयोध्या, 16 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को अयोध्या स्थित हिंदू धाम आश्रम में वशिष्ठ भवन के ब्रह्मलीन महंत डॉ. रामविलास वेदांती महाराज को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके योगदान को याद किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रीरामजन्मभूमि मुक्ति अभियान के वरिष्ठ सदस्य और वशिष्ठ भवन, अयोध्या के महंत डॉ. रामविलास वेदांती महाराज अब हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनका जीवन अयोध्या धाम के विकास और रामलला के भव्य मंदिर निर्माण के लिए समर्पित रहा।

सीएम ने आगे कहा कि वेदांती महाराज का सम्पूर्ण जीवन रामकाज को समर्पित था। यह संयोग है कि जब उन्होंने प्रभु श्रीराम की पावन कथा का वाचन किया, तब उन्होंने नश्वर देह का त्याग कर साकेतवास किया। मुख्यमंत्री ने उनके योगदान को याद करते हुए बताया कि वेदांती महाराज ने श्रीरामजन्मभूमि मुक्ति आंदोलन के प्रारंभ से लेकर उसके सफल परिणाम तक की यात्रा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 25 नवंबर को श्रीरामजन्मभूमि पर भव्य मंदिर के धर्मध्वजा आरोहण समारोह में भी वेदांती महाराज की गरिमामयी उपस्थिति रही। यह उनके समर्पण और निरंतर सहभागिता का प्रमाण है। उन्होंने कहा कि 1983 में श्रीरामजन्मभूमि मुक्ति अभियान की शुरुआत से आज तक प्रत्येक आंदोलन और कार्यक्रम में वेदांती महाराज की सक्रिय भागीदारी रही।

मुख्यमंत्री ने वेदांती महाराज को याद करते हुए कहा कि आज वे भौतिक रूप से हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन हम विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। गोरक्षपीठ से उनका निकट और आत्मीय संबंध रहा। उन्होंने बताया कि 1949 में अयोध्या धाम में प्रभु श्रीराम के विग्रह के प्रकटीकरण के समय गोरक्षपीठ के तत्कालीन पीठाधीश्वर महंत श्री दिग्विजयनाथ जी महाराज और वेदांती महाराज के गुरु बाबा अभिराम दास जी उस ऐतिहासिक अभियान का हिस्सा थे।

सीएम योगी ने आगे कहा कि 1983 में जब श्रीरामजन्मभूमि मुक्ति यज्ञ समिति का गठन हुआ, तब डॉ. रामविलास वेदांती जी महाराज वरिष्ठ सदस्य के रूप में इस आंदोलन से जुड़े रहे।

उन्होंने कहा कि प्रभु श्रीराम के मंदिर से जुड़े सभी ऐतिहासिक कार्यक्रमों में वेदांती जी महाराज साक्षी रहे। उनके जीवन की साधना और संकल्प का परिणाम था कि वे रामलला को विराजमान होते और भव्य मंदिर का निर्माण होते हुए देखते हुए इस लोक से विदा हुए।

मुख्यमंत्री ने प्रभु श्रीराम से प्रार्थना की कि वे वेदांती जी महाराज को अपने श्रीचरणों में स्थान दें। उन्होंने कहा कि वे उनके आदर्शों का अनुसरण करते हुए उनके आश्रम के शिष्य और अनुयायी निरंतर रामकाज के अभियान से जुड़े रहेंगे।

बता दें कि डॉ. रामविलास वेदांती मध्य प्रदेश के लालगांव के समीप भठवा गांव में रामकथा का वाचन कर रहे थे। कथा का आयोजन 17 दिसंबर तक निर्धारित था, लेकिन शनिवार की रात उन्हें सीने में दर्द और घबराहट के कारण रीवा लाया गया। जहां उपचार के दौरान उनका साकेतवास हो गया।

Point of View

बल्कि उन्होंने रामकाज के प्रति अपने समर्पण से समाज को प्रेरित किया। ऐसे महान व्यक्तित्व का स्मरण करना और उनके विचारों का अनुकरण करना हम सभी के लिए आवश्यक है।
NationPress
16/12/2025

Frequently Asked Questions

डॉ. रामविलास वेदांती महाराज का प्रमुख योगदान क्या था?
डॉ. रामविलास वेदांती महाराज का जीवन रामकाज के प्रति समर्पित रहा, और उन्होंने अयोध्या धाम के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने वेदांती महाराज को श्रद्धांजलि क्यों अर्पित की?
सीएम योगी ने उनके योगदान को याद करते हुए और रामलला के भव्य मंदिर निर्माण में उनके योगदान के कारण श्रद्धांजलि अर्पित की।
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