क्या दुनिया डिजिटल से क्वांटम इकोनॉमी की ओर बढ़ रही है?

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क्या दुनिया डिजिटल से क्वांटम इकोनॉमी की ओर बढ़ रही है?

सारांश

क्या आप जानते हैं कि दुनिया तेजी से क्वांटम इकोनॉमी की ओर बढ़ रही है? सीईआरटी-इन द्वारा जारी रिपोर्ट में बताया गया है कि क्वांटम कंप्यूटिंग अब एक वास्तविकता बन चुकी है। जानिए इसके संभावित प्रभाव और चुनौतियों के बारे में।

Key Takeaways

  • क्वांटम इकोनॉमी में बदलाव आ रहा है।
  • क्वांटम कंप्यूटिंग अब एक वास्तविकता है।
  • इससे साइबर सुरक्षा पर खतरे बढ़ेंगे।
  • आवश्यक है कि संगठनों को अपने क्रिप्टोग्राफिक सिस्टम की जानकारी हो।
  • भविष्य की पोस्ट-क्वांटम क्रिप्टोग्राफी की तैयारी करें।

नई दिल्ली, 11 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (सीईआरटी-इन) द्वारा शुक्रवार को जारी की गई एक नई रिपोर्ट में यह बताया गया है कि दुनिया डिजिटल से क्वांटम इकोनॉमी की दिशा में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन के मोड़ पर खड़ी है।

भारत की राष्ट्रीय साइबर एजेंसी ने ग्लोबल साइबरसिक्योरिटी फर्म एसआईएसए के साथ मिलकर जो आंकड़े संकलित किए हैं, वे इस बात को दर्शाते हैं कि क्वांटम कंप्यूटिंग अब केवल एक भविष्यवादी अवधारणा नहीं बल्कि साइबर सुरक्षा और डिजिटल अवसंरचना पर गहरा प्रभाव डालने वाली एक तेजी से उभरती वास्तविकता बन चुकी है।

'ट्रांजिशनिंग टू क्वांटम साइबर रेडीनेस' शीर्षक वाली इस रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि क्वांटम कंप्यूटर, जो क्वांटम मेकैनिज्म के सिद्धांतों का उपयोग करते हैं, अब शोध प्रयोगशालाओं से बाहर आकर वास्तविक दुनिया में प्रयोग किए जा रहे हैं।

कई वैश्विक टेक कंपनियों ने पहले ही उल्लेखनीय प्रगति की है। दिसंबर 2024 में लॉन्च की गई गूगल की विलो चिप ने 105 क्यूबिट के साथ एरर करेक्शन में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है।

माइक्रोसॉफ्ट ने फरवरी 2025 में अपना मेजराना-1 प्रोसेसर पेश किया, जिसका लक्ष्य एक लाख क्यूबिट तक विस्तार करना है।

आईबीएम का उद्देश्य 2029 तक फॉल्ट-टोलरेंट सिस्टम बनाना है, और क्वांटिनम ने रिकॉर्ड तोड़ परिशुद्धता के साथ 56-क्यूबिट ट्रैप्ड-आयन क्वांटम कंप्यूटर बनाया है।

रिपोर्ट के अनुसार, नोकिया भी क्वांटम नेटवर्किंग के क्षेत्र में प्रगति कर रहा है।

यह रिपोर्ट ऐसे समय में आई है जब संयुक्त राष्ट्र ने 2025 को इंटरनेशनल ईयर ऑफ क्वांटम साइंस एंड टेक्नोलॉजी वर्ष घोषित किया है, जो दर्शाता है कि वैश्विक समुदाय इस परिवर्तन को कितनी गंभीरता से ले रहा है।

सेमीकंडक्टर से लेकर सिस्टम सॉफ्टवेयर तक, क्वांटम कंप्यूटिंग से जुड़ा इकोसिस्टम तेजी से विकसित हो रहा है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि क्वांटम कंप्यूटिंग की क्षमताएं विशाल हैं, लेकिन इसके साथ साइबर सुरक्षा के गंभीर जोखिम भी जुड़े हुए हैं।

क्वांटम कंप्यूटर आज की मशीनों की तुलना में जटिल समस्याओं को कहीं अधिक तेजी से हल कर सकते हैं, जिसका अर्थ है कि वे मौजूदा एन्क्रिप्शन मेथड को तोड़ सकते हैं।

आरएसए जैसे एन्क्रिप्शन एल्गोरिदम, जिनका उपयोग वित्तीय लेनदेन, मैसेजिंग ऐप, डिजिटल साइन और यहां तक कि ब्लॉकचेन सिस्टम की सुरक्षा के लिए किया जाता है, को आसानी से क्रैक किया जा सकता है।

इससे व्यापक स्तर पर डेटा ब्रीच हो सकता है और डिजिटल इकोनॉमी की रीढ़ को खतरा हो सकता है।

रिपोर्ट के अनुसार, एक महत्वपूर्ण चुनौती यह भी है कि कई संगठनों को अभी भी अपने मौजूदा क्रिप्टोग्राफिक सिस्टम की स्पष्ट जानकारी नहीं है।

भविष्य में जब पोस्ट-क्वांटम क्रिप्टोग्राफी की आवश्यकता होगी, ये ब्लाइंड स्पॉट्स विनाशकारी हो सकते हैं।

Point of View

लेकिन यह हमारे देश की साइबर सुरक्षा को भी मजबूत करेगा। हमें इस परिवर्तन के प्रति सजग रहना होगा।
NationPress
21/10/2025

Frequently Asked Questions

क्वांटम कंप्यूटिंग क्या है?
क्वांटम कंप्यूटिंग एक नई तकनीक है जो क्वांटम मेकैनिज्म के सिद्धांतों का उपयोग करती है, जिससे जटिल समस्याओं को तेजी से हल किया जा सकता है।
इस रिपोर्ट का मुख्य उद्देश्य क्या है?
इस रिपोर्ट का मुख्य उद्देश्य क्वांटम इकोनॉमी के विकास और उससे जुड़ी साइबर सुरक्षा के जोखिमों को समझाना है।
क्या क्वांटम कंप्यूटर मौजूदा एन्क्रिप्शन को तोड़ सकते हैं?
हाँ, क्वांटम कंप्यूटर मौजूदा एन्क्रिप्शन मेथड्स को तोड़ने में सक्षम हो सकते हैं।
यह रिपोर्ट कब जारी की गई थी?
यह रिपोर्ट 11 जुलाई को सीईआरटी-इन द्वारा जारी की गई थी।
क्वांटम नेटवर्किंग का क्या महत्व है?
क्वांटम नेटवर्किंग साइबर सुरक्षा के लिए एक नई परत प्रदान कर सकती है, जिससे डेटा की सुरक्षा बढ़ेगी।