क्या मसाला बॉंड मामले में ईडी का नया नोटिस राजनीतिक चाल है?: थॉमस इसाक

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क्या मसाला बॉंड मामले में ईडी का नया नोटिस राजनीतिक चाल है?: थॉमस इसाक

सारांश

क्या मसाला बॉंड मामले में ईडी का नया नोटिस चुनावी राजनीति का हिस्सा है? केरल के पूर्व वित्त मंत्री डॉ. टीएम थॉमस इसाक ने इस मुद्दे पर अपने विचार साझा किए हैं। क्या यह एक राजनीतिक चाल है या सच में जांच की जा रही है? जानें पूरी कहानी इस लेख में।

Key Takeaways

  • थॉमस इसाक का आरोप है कि ईडी का नोटिस एक राजनीतिक चाल है।
  • ईडी ने मुख्यमंत्री के खिलाफ नोटिस भेजा है।
  • इस मामले में केआईआईएफबी की वित्तीय गतिविधियों का जांच हो रही है।
  • राजनीतिक दलों पर ईडी के दुरुपयोग का आरोप लगाया गया है।
  • यह नोटिस स्थानीय निकाय चुनावों से संबंधित है।

तिरुवनंतपुरम, 1 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। केरल के पूर्व वित्त मंत्री डॉ. टीएम थॉमस इसाक ने यह आरोप लगाया है कि मसाला बॉंड मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा जारी किया गया नया नोटिस, राज्य में आगामी स्थानीय निकाय चुनावों पर प्रभाव डालने का एक राजनीतिक खेल है।

ईडी ने मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन और अन्य नेताओं को भी नोटिस भेजा है।

इसाक ने ईडी की कार्रवाई को एक “दिखावा” करार दिया है, जो हर चुनावी दौर में सामने आता है। उन्होंने एजेंसी पर भाजपा के लिए कैंपेन टूल के रूप में काम करने का आरोप भी लगाया।

उन्होंने कहा, "ईडी जांच के नाम पर भाजपा और कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूडीएफ के लिए कैंपेन कर रही है।"

इसाक ने याद दिलाया कि ईडी की प्रारंभिक दलील थी कि केरल इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट फंड बोर्ड (केआईआईएफबी) को मसाला बॉंड जारी करने की अनुमति नहीं थी।

इसके बावजूद, उन्हें केआईआईएफबी से जुड़े दस्तावेजों के लिए नहीं, बल्कि व्यक्तिगत और पारिवारिक बैंक खाता जानकारी और उन कंपनियों के रिकॉर्ड के लिए समन प्राप्त हुआ जिनसे वे जुड़े थे।

उन्होंने इस मुद्दे के पीछे के इरादों पर सवाल उठाते हुए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया, जिसके बाद दस्तावेजों की मांग का दायरा घटा दिया गया।

इसाक ने दावा किया कि जांचकर्ताओं ने इसमें शामिल बड़े वित्तीय लेनदेन को देखते हुए गड़बड़ी मान ली थी।

उन्होंने कहा, “उन्होंने मुझे बुलाए बिना जांच पूरी कर ली, लेकिन फिर भी निर्णय लेने वाली अधिकारी के समक्ष शिकायत दर्ज कर दी।”

उन्होंने स्पष्ट किया कि नवीनतम आरोप यह है कि मसाला बॉंड के माध्यम से जुटाए गए 2,600 करोड़ रुपए से अधिक का दुरुपयोग जमीन खरीदने के लिए किया गया।

उन्होंने ईडी पर विवाद उत्पन्न करने के लिए मुख्यमंत्री को भी नोटिस भेजने का आरोप लगाया है।

विधायक एमवी. गोविंदन ने कहा, “अब यह इसलिए हुआ है क्योंकि ईडी को आदत है कि जब भी राज्य में चुनाव होते हैं, तो वह इस तरह का काम करता है। यह पूरे केरल के लिए एक नोटिस के अलावा और कुछ नहीं है, क्योंकि वह केआईआईएफबी फंड का उपयोग कर रहा था और पूरे केरल में लगभग एक लाख करोड़ रुपए का विकास किया गया था।”

Point of View

हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि राजनीतिक आरोप और जांच प्रक्रिया हमेशा से जुड़े हुए हैं। यह आवश्यक है कि सभी पक्षों को उचित सुनवाई मिले और निष्पक्षता से निर्णय लिया जाए। जनता को सच्चाई जानने का हक है, और इसलिए मीडिया की जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है।
NationPress
08/12/2025

Frequently Asked Questions

मसाला बॉंड क्या है?
मसाला बॉंड भारत में जारी किए गए ऐसे बॉंड्स हैं, जिन्हें विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने के लिए उपयोग किया जाता है।
ईडी का नोटिस क्यों जारी हुआ?
ईडी ने मसाला बॉंड मामले में जांच के दौरान वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों के कारण नोटिस जारी किया।
थॉमस इसाक का आरोप क्या है?
थॉमस इसाक ने आरोप लगाया है कि ईडी का नया नोटिस राजनीतिक उद्देश्य से जारी किया गया है।
क्या यह मामला चुनावी राजनीति से जुड़ा है?
इसाक का कहना है कि यह नोटिस राज्य में आगामी चुनावों पर प्रभाव डालने के लिए एक चाल है।
केआईआईएफबी का क्या महत्व है?
केआईआईएफबी के माध्यम से राज्य में बड़े वित्तीय परियोजनाओं का विकास किया गया है।
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