क्या गांधी के बताए रास्ते पर चलते तो फिलिस्तीनियों को आजादी मिल जाती? : मणिशंकर अय्यर

सारांश
Key Takeaways
- संवाद और समझदारी से आगे बढ़ने की आवश्यकता है।
- फिलिस्तीनी संघर्ष को हिंसा से नहीं, बल्कि शांति से हल किया जाना चाहिए।
- भारत का रुख फिलिस्तीनियों के प्रति सहायक होना चाहिए।
- ईरान के साथ भारत के संबंध महत्वपूर्ण हैं।
- अमन तब तक नहीं आएगा, जब तक इंसाफ नहीं होगा।
नई दिल्ली, 9 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर ने बुधवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि भारत इजरायल का समर्थन कर रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह पंडित नेहरू या गांधी का भारत नहीं, बल्कि मोदी का भारत है।
उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि अगर फिलिस्तीनी गांधी के बताए मार्ग पर चलते तो शायद उन्हें अबतक आजादी मिल जाती। अगर हमास और फिलिस्तीनी लोग गांधी के बताए रास्ते पर चलें, तो उन्हें जल्दी और आसानी से आजादी मिल सकती है।"
आगे उन्होंने कहा, "आज की स्थिति में हमें यह समझने की जरूरत है कि उन्हें हिंसा का सहारा लेने की बजाय संवाद और समझदारी से आगे बढ़ना चाहिए। हमें कुछ न कुछ करना चाहिए, क्योंकि अमन तब तक नहीं आएगा, जब तक इंसाफ नहीं होगा।"
कांग्रेस नेता ने यह भी कहा, "भारत इजरायल का समर्थन नहीं, बल्कि सही मायने में फिलिस्तीनियों का समर्थन कर रहा है।"
केंद्र में कांग्रेस की सरकार होने की स्थिति में भारत के रुख पर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा, "हमारी नीतियों के बारे में सोनिया गांधी ने हाल ही में एक हिंदू अखबार में लिखा था।"
उन्होंने कहा, "फिलिस्तीनियों की मांग को हमास से जोड़ने की कोई आवश्यकता नहीं है। भारत के पास इतनी हिम्मत है कि वह नरसंहार के खिलाफ अपनी आवाज उठाए। ईरान से हमारे संबंध बहुत पुराने हैं और मुश्किल समय में ईरान ने हमारा साथ दिया है।"
उन्होंने इजरायल-ईरान युद्ध पर कहा, "भारत को ईरान को सहायता देनी चाहिए थी क्योंकि हमारे संबंध बहुत पुरातन हैं। जब 1994 में हम यूएन-ह्यूमन राइट्स कमीशन में संकट में थे, तब ईरान ने हमारा साथ दिया था।"