क्या सदन में हंगामा करना विपक्ष की आदत बन गई है?: प्रवीण खंडेलवाल

सारांश
Key Takeaways
- विपक्ष का हंगामा संसदीय कार्यवाही को बाधित कर रहा है।
- भाजपा सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने तार्किक चर्चाओं पर जोर दिया।
- आवारा कुत्तों से निपटने के लिए दिल्ली सरकार योजना बना रही है।
नई दिल्ली, 31 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। मानसून सत्र के दौरान राज्यसभा से विपक्ष के वॉकआउट पर भाजपा सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने कड़ी आपत्ति व्यक्त की। उन्होंने कहा कि हंगामा करना विपक्ष की आदत बन गई है।
गुरुवार को राष्ट्र प्रेस से बातचीत में भाजपा सांसद ने विपक्ष पर आरोप लगाया कि हंगामा करना उनकी आदत बन चुकी है और वे तार्किक तर्कों की कमी के कारण संसदीय चर्चाओं से भागते हैं। उनके अनुसार, विपक्ष की यह रणनीति सदन की कार्यवाही को बाधित करने की है, जिसे देश स्पष्ट रूप से देख रहा है। विपक्ष हंगामा कर क्या हासिल करना चाहता है?
भाजपा सांसद ने कहा कि विपक्ष को हंगामा करने के बजाय संसद की कार्रवाई में भाग लेना चाहिए। विपक्ष का हंगामा केवल नुकसान ही करता है, जो उचित नहीं है।
30 जुलाई को राज्यसभा में जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बोलना शुरू किया, तो विपक्ष के सांसदों ने हंगामा करना शुरू कर दिया। वह पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारत के सफल एवं निर्णायक 'ऑपरेशन सिंदूर' पर चर्चा का जवाब देने के लिए सदन में आए थे। विपक्ष का तर्क था कि लोकसभा की तरह राज्यसभा में भी चर्चा का जवाब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देना चाहिए। इसी मांग को लेकर विपक्षी सांसदों ने जमकर नारेबाजी की और वॉकआउट किया।
लोकसभा और राज्यसभा में 'ऑपरेशन सिंदूर' की चर्चा के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के सांसदों ने अपनी-अपनी बात रखी। सत्ता पक्ष के सांसदों ने 'ऑपरेशन सिंदूर' की सफलता और सीजफायर के मुद्दे पर विस्तार से बताया, जबकि कांग्रेस लगातार सरकार से कई सवाल पूछती रही।
वहीं, दिल्ली में आवारा कुत्तों के आतंक पर भाजपा सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार इस मामले पर काम कर रही है और एक उचित नीति बनाने के लिए चर्चा चल रही है। आवारा कुत्ते एक गंभीर मुद्दा बन गए हैं जिसका समाधान निकालना आवश्यक है।