क्या इससे बुरी प्रतिशोध की राजनीति कभी नहीं देखी गई?: सुप्रिया श्रीनेत

Click to start listening
क्या इससे बुरी प्रतिशोध की राजनीति कभी नहीं देखी गई?: सुप्रिया श्रीनेत

सारांश

कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने ईडी द्वारा रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ चार्जशीट को प्रतिशोध की राजनीति कहा है। क्या यह आरोप सही है? जानिए पूरी बात।

Key Takeaways

  • सुप्रिया श्रीनेत ने ईडी की कार्रवाई को प्रतिशोध की राजनीति कहा।
  • राहुल गांधी ने भी इसे राजनीतिक प्रतिशोध का उदाहरण बताया।
  • मामले में कोई ठोस सबूत नहीं मिलने का आरोप।
  • जांच एजेंसियों पर सरकार के "पालतू" बनने का आरोप।
  • बिहार में अपराध की स्थिति पर सवाल उठाए गए।

नई दिल्ली, 18 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ गुरुग्राम भूमि सौदे में दाखिल चार्जशीट को "प्रतिशोध की राजनीति" कहा।

समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि पिछले 11 वर्षों से नरेंद्र मोदी विपक्ष को निशाना बना रहे हैं, लेकिन कोई ठोस सबूत नहीं पाया गया। राहुल गांधी ने ट्वीट कर आरोप लगाया कि वाड्रा को "राजनीतिक प्रतिशोध" के तहत फंसाया जा रहा है।

सुप्रिया श्रीनेत ने वाड्रा के खिलाफ इस कार्रवाई को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की "हवा-हवाई" रणनीति बताया और कहा कि यह प्रियंका गांधी और उनके परिवार को डराने की कोशिश है। 2014 में सत्ता में आने के बाद मोदी सरकार ने वाड्रा मामले को सबसे ज्यादा तवज्जो दी। फिर भी, 11 साल बाद ईडी को चार्जशीट दाखिल करने में समय लगा।

उन्होंने बताया कि हरियाणा की खट्टर सरकार ने इस मामले में जांच आयोग बनाया था, जिसे कोर्ट ने स्थगित कर दिया। बाद में आयोग को पुनर्गठित किया गया, लेकिन मूल अपराध (प्रिडिकेट ऑफेंस) में कोई गलती नहीं पाई गई।

कांग्रेस प्रवक्ता ने सवाल उठाया कि बिना सबूत के इस तरह के आरोप लगाना प्रतिशोध की राजनीति नहीं तो और क्या है? उन्होंने कहा कि अगर भाजपा सोचती है कि इससे प्रियंका गांधी डर जाएंगी, तो वे गलत हैं। प्रियंका पहले से कहीं ज्यादा मजबूती से सरकार का जवाब देंगी।

कांग्रेस नेता ने जांच एजेंसियों पर भी सवाल उठाए और कहा कि ईडी, सीबीआई और आयकर विभाग जैसी एजेंसियां सरकार की "पालतू" बन चुकी हैं। इनका इस्तेमाल विपक्षी नेताओं को निशाना बनाने, सरकारें गिराने और लोगों को भाजपा में शामिल करने के लिए किया जा रहा है।

उन्होंने दावा किया कि ईडी ने 98 प्रतिशत मामले विपक्षी नेताओं के खिलाफ दर्ज किए, लेकिन पिछले 11 वर्षों में कितने मामलों में सजा हुई, यह सवाल उठता है। श्रीनेत ने कहा कि जिनके खिलाफ पुख्ता सबूत हैं, वे भाजपा की "वॉशिंग मशीन" में शामिल होकर बच निकलते हैं।

बिहार विधानसभा चुनाव और चुनाव आयोग पर विपक्ष के सवालों पर श्रीनेत ने कहा कि इंडिया गठबंधन संविधान को बचाने के लिए एकजुट है। उन्होंने बताया कि गठबंधन की एक बड़ी बैठक होने वाली है, जिसमें संविधान में विश्वास रखने वाले सभी सहयोगी शामिल होंगे।

उन्होंने बिहार में एनडीए सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी मोतिहारी को मुंबई और गया को गुरुग्राम बनाने की बातें करते हैं, लेकिन गुरुग्राम में सड़कों पर गड्ढे और बाढ़ की स्थिति है।

उन्होंने बिहार में बढ़ते अपराध और अराजकता पर भी सवाल उठाए और कहा कि मोदी अपने 35 मिनट के भाषण में बिहार में दिनदहाड़े हत्याओं, कानून-व्यवस्था की बदहाली और मतदाता सूची में गड़बड़ी पर एक शब्द नहीं बोले।

Point of View

यह स्पष्ट है कि राजनीतिक प्रतिशोध का आरोप गंभीर है। जब तक ठोस सबूत पेश नहीं किए जाते, तब तक इस तरह के आरोपों की विश्वसनीयता संदिग्ध रहती है।
NationPress
03/09/2025

Frequently Asked Questions

क्यों सुप्रिया श्रीनेत ने ईडी की चार्जशीट को प्रतिशोध की राजनीति कहा?
उन्होंने कहा कि यह आरोप बिना सबूत के लगाए गए हैं और यह राजनीतिक प्रतिशोध का एक उदाहरण है।
क्या राहुल गांधी ने इस मामले पर कुछ कहा?
जी हां, राहुल गांधी ने भी ट्वीट कर आरोप लगाया कि वाड्रा को राजनीतिक प्रतिशोध के तहत फंसाया जा रहा है।
क्या मोदी सरकार वाड्रा मामले पर ध्यान दे रही है?
सुप्रिया श्रीनेत के अनुसार, मोदी सरकार ने 2014 से इस मामले पर ज्यादा ध्यान दिया है।