क्या जनादेश की चोट को जनतंत्र में खोट बताने से कोई फायदा होगा? : मुख्तार अब्बास नकवी

सारांश
Key Takeaways
- मोदी सरकार ने कई पुराने कानूनों को निरस्त किया है।
- जनादेश की चोट को जनतंत्र में खोट बताना कांग्रेस के लिए फायदेमंद नहीं होगा।
- संविधान संशोधन विधेयक जेपीसी के पास भेजे गए हैं।
- राजनीतिक शुद्धता पर कोई संदेह नहीं होना चाहिए।
- मुख्तार अब्बास नकवी का दृष्टिकोण विपक्ष की स्थिति को स्पष्ट करता है।
नई दिल्ली, 21 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने लोकसभा में प्रस्तुत किए गए विधेयकों की प्रशंसा की। उन्होंने बताया कि मोदी सरकार में कई पुराने ब्रिटिश काल के कानूनों को निरस्त किया गया है या उनमें संशोधन किया गया है। आगे उन्होंने कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए कहा कि जनादेश की चोट को जनतंत्र में खोट बताने से इनका कोई फायदा नहीं होने वाला है।
मुख्तार अब्बास नकवी ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि यह समझना आवश्यक है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शासन काल में कई पुराने कानून, जिनमें से कुछ तो आदम के जमाने के थे, या तो खत्म कर दिए गए हैं या उनमें संशोधन किया गया है। आजादी के 75 साल बाद भी, कुछ मुद्दों पर 20 से अधिक कानून एक-दूसरे से परस्पर विरोधाभासी (ओवरलैप) होते रहे हैं। अतः इन कानूनों का निरस्तीकरण या संशोधन एक महत्वपूर्ण सुधार है।
उन्होंने आगे कहा कि संसद में प्रस्तुत तीन विधेयकों - संविधान (एक सौ तीसवां संशोधन) विधेयक, केंद्र शासित प्रदेश सरकार (संशोधन) विधेयक 2025, और जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक 2025 को संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के पास भेजा गया है। यदि किसी को कोई भ्रम, संदेह या आपत्ति है, तो जेपीसी, जो सभी दलों के सदस्यों वाली एक संवैधानिक समिति है, इस पर विचार करेगी। मेरा मानना है कि इस मंथन से अमृत निकलेगा। इस विधेयक को लेकर किसी को हतोत्साहित होने की आवश्यकता नहीं है।
राजद के नेता तेजस्वी यादव के बाद, तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने भी कहा कि वे लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनते देखना चाहेंगे। इस पर भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि परिवार वाली पार्टियों के प्रतीक्षालय में दो दर्जन प्रधानमंत्री इंतजार कर रहे हैं, लेकिन पीएम पद पर कोई रिक्तता नहीं है। कांग्रेस वाले झूठ का झुनझुना लेकर बिहार में यात्रा निकाल रहे हैं, लेकिन जब आपको जनादेश की चोट लगी है तो जनतंत्र में खोट है कहना केवल मजाक है। इससे विपक्षी दलों, खासकर कांग्रेस को कोई लाभ नहीं होने वाला है।