क्या जंगलराज और माफियाराज ने बिहार को तीन दशक पीछे धकेला? : चिराग पासवान

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क्या जंगलराज और माफियाराज ने बिहार को तीन दशक पीछे धकेला? : चिराग पासवान

सारांश

केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के महागठबंधन घोषणापत्र को बेबुनियाद बताया है। उन्होंने पलायन, सरकारी नौकरियों और बिहार के गौरवशाली इतिहास के मुद्दे उठाए हैं। क्या ये चुनावी जुमले बिहार के लोगों को भ्रमित कर सकते हैं?

Key Takeaways

  • चिराग पासवान ने महागठबंधन के वादों को चुनौती दी।
  • बिहार में पलायन की समस्या पर ध्यान दिया गया।
  • जीविका योजना की शुरुआत के संदर्भ में जानकारी दी गई।
  • तेजस्वी यादव को सलाह दी गई कि वे झूठ बोलना बंद करें।
  • प्रतिनिधित्व के मुद्दे पर विचार किया गया।

पटना, 28 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए महागठबंधन द्वारा जारी घोषणापत्र पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि जब आप सत्ता में आने की उम्मीद नहीं रखते और आपके पास अपने वादों को पूरा करने की कोई जिम्मेदारी नहीं है, तो झूठ बोलने में क्या हर्ज है?

चिराग पासवान ने कहा कि शुक्र है कि उन्होंने एक परिवार से एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी देने का वादा किया है। अगर ये लोग झूठ बोलने पर उतर आएं, तो परिवार के सभी लोगों को सरकारी नौकरी देने का ऐलान कर दें। इस तरह से बिहार के सभी 14 करोड़ लोगों के लिए सरकारी नौकरी की घोषणा कर दी जाएगी।

हालांकि, बिहार के लोग इतने समझदार हैं कि वे जानते हैं कि कौन झूठ बोल रहा है और कौन सच। कोई उनसे पूछे कि इतना राजस्व कहां से आएगा और बिना राजस्व के ये घोषणाएं कैसे पूरी होंगी।

उन्होंने कहा कि बिहार से पलायन 90 के दशक में इनकी सरकार के समय ही शुरू हुआ। अगर इन्हें पलायन रोकने की इतनी चिंता है तो उन्हें वो दौर याद करना चाहिए जब पलायन शुरू हुआ था। ये लोग आज भी उधम मचा रहे हैं। अगर बिहार आज इतना पिछड़ा है तो इसका जिम्मेदार इनकी सरकार है। 90 के दशक ने बिहार को ढाई से तीन दशक पीछे धकेल दिया है। बिहार का एक गौरवशाली इतिहास है, लेकिन इनकी सरकार ने इस इतिहास को नुकसान पहुंचाने का काम किया है।

इससे पहले केंद्रीय मंत्री ने तेजस्वी यादव को सलाह देते हुए कहा कि उन्हें झूठ बोलना बंद करना चाहिए और जनता को भ्रमित नहीं करना चाहिए। विधानसभा चुनाव में विपक्ष के घोषणापत्र को चिराग पासवान ने बेबुनियाद बताया और कहा कि ये महज चुनावी जुमले हैं। तेजस्वी यादव का दावा है कि हर परिवार को एक सरकारी नौकरी दी जाएगी, लेकिन ये सब खोखले वादे हैं। तेजस्वी यादव को भी पता है कि वे सत्ता में नहीं आ रहे हैं।

जीविका योजना का जिक्र करते हुए उन्होंने पूछा कि जीविका की नकल किसने की? आज विपक्ष और उनका परिवार इस पर चिंता जता रहे हैं। असल में 2005 से पहले, जब तक बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए की सरकार नहीं आई, तब तक यह कार्यक्रम अस्तित्व में ही नहीं था।

उन्होंने कहा कि एक तरफ महागठबंधन ने एक डिप्टी सीएम की घोषणा की है। हम ऐसी कोई घोषणा नहीं कर रहे हैं। हमारा मानना है कि जब हम सत्ता में आएंगे, तो सभी को उनकी क्षमताओं के आधार पर प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए। उन्होंने तेजस्वी यादव पर तंज करते हुए कहा कि वे अपने परिवार के बाहर किसी को भी सक्षम नहीं मानते हैं। अगर लालू प्रसाद यादव जेल जाते हैं, तो उनकी पत्नी सीएम बन जाएंगी। अगर वह अपना कार्यकाल पूरा नहीं करते हैं, तो उनका बेटा सीएम बन जाएगा।

Point of View

NationPress
29/10/2025

Frequently Asked Questions

चिराग पासवान ने महागठबंधन के घोषणापत्र पर क्या कहा?
उन्होंने इसे बेबुनियाद और चुनावी जुमला बताया है।
बिहार में पलायन कब से शुरू हुआ?
पलायन 90 के दशक में इनकी सरकार के समय में शुरू हुआ।
जीविका योजना की शुरुआत कब हुई थी?
जीविका योजना 2005 के बाद नीतीश कुमार के नेतृत्व में शुरू हुई।
चिराग पासवान का तेजस्वी यादव के बारे में क्या कहना है?
उन्होंने तेजस्वी को झूठ बोलना बंद करने की सलाह दी है।
चिराग पासवान का मानना है कि प्रतिनिधित्व कैसे होना चाहिए?
उनका मानना है कि जब वे सत्ता में आएंगे, तो सभी को उनकी क्षमताओं के आधार पर प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए।