क्या जिहाद इस्लाम की पवित्र शब्दावली है? : मौलाना मदनी

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क्या जिहाद इस्लाम की पवित्र शब्दावली है? : मौलाना मदनी

सारांश

मौलाना मदनी ने जिहाद की पवित्रता और इसके सही अर्थ को समझाने के लिए महत्वपूर्ण बातें साझा कीं। उन्होंने मुस्लिम समुदाय के मुद्दों और देश की राजनीति पर भी अपने विचार प्रकट किए। जिहाद का असली मतलब और इसकी आवश्यकता पर चर्चा की गई।

Key Takeaways

  • जिहाद इस्लाम की पवित्र शब्दावली है।
  • लोगों को जिहाद के सही अर्थ को समझना चाहिए।
  • राजनीति को केवल एक समुदाय के दृष्टिकोण से नहीं देखना चाहिए।
  • बुनियादी समस्याओं के समाधान पर ध्यान दिया जाना चाहिए।
  • संचार साथी ऐप पर मौलाना मदनी की आपत्ति।

नई दिल्ली, 2 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। जमीयत-उलमा-हिंद के प्रमुख मौलाना मदनी ने मंगलवार को बताया कि मुल्क के नागरिकों के लिए जिहाद के बारे में जानकारी होना आवश्यक है। लोगों को यह समझना चाहिए कि जिहाद की प्रक्रिया कब और कैसे शुरू होती है।

उन्होंने राष्ट्र प्रेस से बात करते हुए कहा कि नागरिकों को यह जानना चाहिए कि जिहाद इस्लाम की पवित्र शब्दावली है। यदि किसी को इस्लाम से समस्या है, तो उन्हें स्पष्ट रूप से यह बताना चाहिए कि वे इस्लाम मानने वालों को पसंद नहीं करते। यदि कोई ऐसा घोषणा करता है, तो इससे मुझे कोई परेशानी नहीं होगी। लेकिन यदि कोई व्यक्ति खुद को हिंदू या किसी अन्य धर्म का मानने वाला कहता है और इस्लाम को गलत तरीके से परिभाषित करने का प्रयास करता है, तो इसे किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं किया जा सकता। ऐसे लोग देश में नफरत फैलाने का प्रयास कर रहे हैं।

मौलाना ने मुस्लिम वोटों के विभाजन के संदर्भ में कहा कि मुझे इस पर कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है। सामान्यतः मुझे राजनीति से संबंधित मामलों की कोई जानकारी नहीं होती है और न ही मैं इस बारे में जानने की इच्छा रखता हूं। ऐसे में मैं यह बताने में असमर्थ हूं कि मुस्लिमों का वोट बंट रहा है या नहीं।

उन्होंने लाल किले के निकट हुए हमले के बारे में कहा कि अब तक जितने भी हमले हुए हैं, उनकी हमने निंदा की है। इस हमले के परिणामस्वरूप देश को नुकसान हुआ है। कई बेगुनाहों को अपनी जान गंवानी पड़ी। हमने पहलगाम हमले की भी निंदा की थी, लेकिन हमें दो प्रकार के नुकसान हुए। पहले, बेगुनाहों ने अपनी जान गंवाई, और दूसरी ओर, हमारे इस्लाम का नाम भी बदनाम हुआ। ऐसी स्थिति में इन हमलों का हमारा विरोध दोहराया जाएगा।

उन्होंने कहा कि जब किसी ने असली जिहाद का मतलब पूछा, तो उत्तर देने वाले ने कहा कि दहशतगर्द को समाप्त करना असली जिहाद है। अगर हम इस पर गौर करें, तो हम ही असल में जिहाद कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि मैं हिंदुस्तान की राजनीति में ऐसी उम्मीद नहीं करता कि कोई राजनीतिक दल केवल मुस्लिम समुदाय के हितों के बारे में सोचे। मैं इस बारे में सोचने की कल्पना भी नहीं करता। राजनीति को केवल मुस्लिम दृष्टिकोण से नहीं देखना चाहिए, बल्कि राष्ट्र निर्माण की दृष्टि से भी देखना चाहिए।

उन्होंने कहा कि हमारे देश में कई बुनियादी समस्याएं हैं, जिन्हें देखते हुए हमें राजनीति की असली परिभाषा समझनी चाहिए। उदाहरण के लिए, प्रदूषण की समस्या आज की तारीख में एक गंभीर समस्या बन चुकी है। चाहे आप वायु प्रदूषण की बात करें या जल प्रदूषण की, हर जगह प्रदूषण का प्रभाव देखा जा रहा है। यदि बुनियादी समस्याओं के समाधान को ध्यान में रखते हुए राजनीति की शुरुआत की जाए, तो देश की स्थिति में सुधार किया जा सकता है।

उन्होंने संचार साथी ऐप पर भी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि संचार साथी के बारे में संचार मंत्री ने कहा था कि कोई भी इसे डिलीट कर सकता है, तो यह विषय अपने आप खत्म हो जाता है। हमें पूरी उम्मीद है कि इस संबंध में जारी अधिसूचना को जल्द ही समाप्त किया जाएगा। हालांकि, यह ग़लत है। ऐसा नहीं होना चाहिए। यदि आपको किसी पर निगरानी रखनी है, तो आप अन्य तरीकों से कर सकते हैं। आज के समय में ऐसे कई विकल्प हैं जिनके माध्यम से आप किसी की निगरानी कर सकते हैं। मुझे नहीं लगता कि इस तरह की व्यवस्था विकसित करने की ज़रूरत है।

Point of View

NationPress
08/12/2025

Frequently Asked Questions

जिहाद का असली मतलब क्या है?
जिहाद का असली मतलब है अपने धर्म की रक्षा करना और दुष्टता का अंत करना।
मौलाना मदनी का राजनीतिक दृष्टिकोण क्या है?
उन्होंने कहा कि राजनीति को केवल मुस्लिम दृष्टिकोण से नहीं देखना चाहिए, बल्कि राष्ट्र निर्माण की दृष्टि से भी देखना चाहिए।
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