क्या केंद्र सरकार टैरिफ के मुद्दे पर कुछ नहीं कर पा रही है? : उदित राज

सारांश
Key Takeaways
- टैरिफ की घोषणा से भारतीय दवा कंपनियों को नुकसान होगा।
- केंद्र सरकार को अमेरिका के साथ व्यापार संबंधों को सुधारने की आवश्यकता है।
- उदित राज ने पलायन और रोजगार पर भी चिंता जताई है।
- केंद्र सरकार के लिए यह एक गंभीर चुनौती है।
नई दिल्ली, 26 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा दवाओं पर 100 प्रतिशत टैरिफ की घोषणा के बाद से राजनीति में हलचल मच गई है। कांग्रेस नेता उदित राज ने केंद्र सरकार को इस स्थिति के लिए जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार इस मुद्दे पर कुछ भी नहीं कर पा रही है।
उदित राज ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए कहा कि दवाइयों पर टैरिफ नहीं लगना चाहिए क्योंकि अमेरिका को भी दवाइयों की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, "अमेरिका ने हमें फुटबॉल समझ लिया है, जब चाहे हमें किक मार देता है। हमारे प्रधानमंत्री चुप हैं और 100 प्रतिशत टैरिफ लगाने से हमारी कंपनियों को भारी नुकसान होगा।"
उन्होंने आगे कहा कि वर्तमान में अमेरिका जो कर रहा है, वह भारत के खिलाफ है। पहले से भारत की स्थिति कमजोर हो गई है। इंदिरा गांधी के समय भारत की स्थिति मजबूत थी। लेकिन अब हम ऐसे प्रधानमंत्री के अधीन हैं, जो कुछ नहीं कर पा रहे हैं।
बिहार के संदर्भ में, उदित राज ने कहा कि वहां पलायन को रोकना चाहिए और लोगों को रोजगार प्रदान करना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। चुनाव जीतने के लिए कुछ पैसे खर्च किए जा रहे हैं। पूर्व में किए गए वादे भुला दिए गए हैं। चुनाव के समय योजनाओं की बातें की जा रही हैं।
उदित राज ने मध्य प्रदेश के मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के बयान पर कहा, "उन जैसे लोग जंगली हो गए हैं। इन्हें जंगल में रहना चाहिए। ये भाई-बहन के प्यार को नहीं समझ सकते। इनमें न प्यार है, न रस है, न रोमांस है।"
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री और सेनाध्यक्ष से डोनाल्ड ट्रंप की मुलाकात पर उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि पाकिस्तान और अमेरिका के रिश्ते सुधर गए हैं। अब भारत के प्रधानमंत्री इस पर क्या प्रतिक्रिया देंगे? कहा जाता है कि प्रधानमंत्री का डंका विश्व में गूंजता है, लेकिन अब स्थिति स्पष्ट नहीं है।