क्या मल्लिकार्जुन खड़गे को अपमानजनक टिप्पणी के लिए माफी मांगनी चाहिए?

सारांश
Key Takeaways
- द्रौपदी मुर्मू का राष्ट्रपति पद पर चयन एक महत्वपूर्ण घटना है।
- कांग्रेस और भाजपा के बीच का विवाद राजनीतिक गर्माहट को दर्शाता है।
- महिला और आदिवासी अधिकारों पर चर्चा महत्वपूर्ण है।
मुंबई, 8 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। भाजपा विधायक अतुल भतखलकर ने मंगलवार को कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का अपमान करने का आरोप लगाते हुए उनसे माफी की मांग की। उन्होंने कांग्रेस को एक महिला और आदिवासी विरोधी पार्टी करार दिया।
भतखलकर ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि कांग्रेस पार्टी को यह स्वीकार नहीं है कि केंद्र की मोदी सरकार ने एक आदिवासी समुदाय से आने वाली महिला को राष्ट्रपति की जिम्मेदारी सौंपी। कांग्रेस हमेशा से अपने राजनीतिक स्वार्थ के अनुसार आदिवासी और महिलाओं को देखा है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति के रूप में नहीं देखना चाहती। जब द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति का पद सौंपा गया था, तब इसी कांग्रेस के नेताओं ने अपमानजनक टिप्पणियां की थीं। अब, मल्लिकार्जुन खड़गे जैसे नेता भी इसी प्रकार की टिप्पणियां कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के शासनकाल में देश सुरक्षित है। पूर्व की कांग्रेस सरकार में हर दिन देश के किसी न किसी क्षेत्र में बम विस्फोट होते रहते थे। आज की तारीख में, आम नागरिक सुरक्षित हैं। नक्सलियों का लगभग खात्मा हो चुका है।
उन्होंने कांग्रेस सांसद इमरान मसूद के वक्फ संशोधन कानून पर दिए गए बयान को लेकर कहा कि उन्हें यह ध्यान में रखना चाहिए कि यह कानून देश के लोकतंत्र के सर्वोच्च मंदिर लोकसभा से पारित हुआ है। यह कोई कांग्रेस की बैठक नहीं है कि जब मन करे इसे वापस ले लें।
उन्होंने भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के बयान को गलत बताया और कहा कि महाराष्ट्र और मराठी व्यक्ति के बारे में यह भाजपा की सोच के दायरे से बाहर है। इस पर सरकार ने अपना रुख स्पष्ट कर दिया है।