क्या कांग्रेस ने एसआईआर पर देश और जनता को गुमराह करने का प्रयास किया?: अमित शाह

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क्या कांग्रेस ने एसआईआर पर देश और जनता को गुमराह करने का प्रयास किया?: अमित शाह

सारांश

क्या कांग्रेस ने एसआईआर पर जनता को गुमराह करने का प्रयास किया? केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में इस मुद्दे पर चर्चा की और विपक्ष की गलतफहमियों को उजागर किया। जानिए, उन्होंने क्या कहा!

Key Takeaways

  • केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एसआईआर पर चर्चा की।
  • चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है।
  • विपक्ष ने जनता को गुमराह करने का प्रयास किया।
  • संसद में चर्चा के नियमों का पालन होना चाहिए।
  • मतदाता सूची बनाने की जिम्मेदारी चुनाव आयोग की है।

नई दिल्ली, 10 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। लोकसभा में चुनाव सुधारों पर चर्चा के दौरान बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपना जवाब प्रस्तुत किया। उन्होंने सदन को संबोधित करते हुए कहा कि इस विषय पर चर्चा के लिए सत्र की शुरुआत में दो दिन का गतिरोध भी हुआ। यह एक प्रकार की गलतफहमी और गलत धारणा थी कि हम लोग चर्चा नहीं करना चाहते। हम भाजपा और एनडीए वाले चर्चा से कभी नहीं भागते, लेकिन चर्चा संसद के नियमों के अनुसार होनी चाहिए।

अमित शाह ने कहा कि विपक्ष मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर चर्चा के लिए अड़ा है, जबकि इस सदन में एसआईआर पर चर्चा नहीं हो सकती, क्योंकि यह प्रक्रिया चुनाव आयोग की है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग और चुनाव आयुक्त सरकार के अंतर्गत काम नहीं करते हैं, इसलिए यदि सदन में एसआईआर पर चर्चा होगी तो उससे जुड़े सवालों का जवाब कौन देगा?

उन्होंने कहा कि चर्चा चुनाव सुधारों के लिए तय हुई थी, लेकिन विपक्ष के अधिकांश सदस्य एसआईआर पर ही चर्चा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस एसआईआर पर एकतरफा चार महीने से झूठ फैलाया गया और देश की जनता को गुमराह करने का प्रयास किया गया।

अमित शाह ने कहा कि मैंने एसआईआर की प्रक्रिया, इससे जुड़े संवैधानिक अनुबंधों और भूतकाल में हुए एसआईआर का गहन अध्ययन किया है। उन्होंने कहा कि मैं इस सदन के माध्यम से कांग्रेस द्वारा फैलाए गए झूठ का उत्तर देना चाहता हूँ।

उन्होंने कहा कि इस देश के संविधान से, संविधान के अनुच्छेदों से चुनाव आयोग की रचना हुई है। चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है। संविधान में चुनाव आयोग के गठन, उसकी शक्तियों, चुनावी प्रक्रिया, मतदाता की परिभाषा और मतदाता की सूची को तैयार करने और उसमें सुधार करने की शक्तियों के बारे में स्पष्ट प्रावधान किए गए हैं।

उन्होंने कहा कि जब ये प्रावधान किए गए, तब हमारी पार्टी का गठन भी नहीं हुआ था। हमारी पार्टी के अलावा अन्य लोगों ने संविधान सभा में चर्चा के बाद इस संविधान को बनाया था।

अमित शाह ने कहा कि हमारे संविधान ने फ्री एंड फेयर चुनाव कराने की जिम्मेदारी चुनाव आयोग को सौंपी है। मतदाता सूची बनाने और उसमें सुधार करने की जिम्मेदारी भी चुनाव आयोग की है। संविधान के भाग 15 में अनुच्छेद 324 में चुनाव आयोग का गठन, चुनाव आयुक्त की नियुक्ति, लोकसभा, राज्यसभा, विधानसभा, उपराष्ट्रपति और राष्ट्रपति के चुनाव का संपूर्ण नियंत्रण संविधान ने चुनाव आयोग को सौंपा है।

Point of View

हमें समझना होगा कि चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है। विपक्ष का प्रयास इस प्रक्रिया में हस्तक्षेप करना है, जो कि उचित नहीं है। इस मुद्दे पर चर्चा करते समय हमें लोकतंत्र और संविधान की मर्यादाओं का ध्यान रखना चाहिए।
NationPress
10/12/2025

Frequently Asked Questions

अमित शाह ने एसआईआर पर क्या कहा?
अमित शाह ने कहा कि एसआईआर पर चर्चा चुनाव आयोग की प्रक्रिया है और सदन में इस पर चर्चा नहीं हो सकती।
क्या विपक्ष ने गलतफहमी फैलाई है?
हां, अमित शाह ने कहा कि विपक्ष ने चार महीनों से एसआईआर पर झूठ फैलाया है और जनता को गुमराह किया है।
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