क्या कुलदीप सेंगर की बेटी अपने पिता को निर्दोष मानती है?
सारांश
Key Takeaways
- ऐश्वर्या सेंगर ने अपने पिता को निर्दोष बताया।
- वीरेंद्र सिंह का बयान इस मामले की जटिलता को दर्शाता है।
- सुप्रीम कोर्ट ने कुलदीप सेंगर की जमानत पर रोक लगाई।
नई दिल्ली, 30 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद वीरेंद्र सिंह ने उन्नाव रेप केस में दोषी पूर्व विधायक कुलदीप सेंगर की बेटी ऐश्वर्या सेंगर के उस बयान पर प्रतिक्रिया दी है, जिसमें उन्होंने कहा है कि उनके पिता निर्दोष हैं। वीरेंद्र सिंह ने कहा कि यह स्वाभाविक है कि एक बेटी अपने पिता को हमेशा निर्दोष ही समझेगी।
उन्होंने नई दिल्ली में समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए कहा कि एक पिता अपनी संतान का पक्ष लेता है। इसी तरह ऐश्वर्या सेंगर भी अपने पिता का समर्थन कर रही हैं और उन्हें निर्दोष बता रही हैं। इसमें क्या गलत है?
इससे पहले कुलदीप सेंगर की बेटी ने यह भी कहा था कि यदि उनके पिता ने आंख उठाकर भी किसी को देखा है, तो उन्हें फांसी की सजा दी जाए। ऐश्वर्या सेंगर ने कहा, "मेरे पिता ने कुछ नहीं किया। वे निर्दोष हैं।" वे न्याय की उम्मीद कर रही हैं।
दूसरी ओर, उन्नाव रेप केस के दोषी और पूर्व विधायक कुलदीप सेंगर की जमानत पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा रोक लगाने पर वीरेंद्र सिंह ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि उच्च न्यायालय का निर्णय इस आधार पर था कि जन प्रतिनिधियों को सरकारी कर्मचारी नहीं माना गया। उन्होंने कहा कि जन प्रतिनिधियों को पब्लिक सर्वेंट के दायरे में लाए जाने की आवश्यकता है।
पश्चिम बंगाल में मस्जिद-मंदिर की राजनीति पर वीरेंद्र सिंह ने कहा कि संविधान के अनुसार सरकार को धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। सभी धर्मों के लोग अपने विश्वासों के अनुसार पूजा स्थल बना सकते हैं। हालांकि, नामकरण समारोह में 'बाबरी' शब्द का उपयोग भड़काऊ हो सकता है। इसलिए इसका उपयोग उचित नहीं है।