क्या लार सेहत के लिए अमृत है? ब्रह्म मुहूर्त में क्यों बन जाता है सबसे बड़ा वरदान?

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क्या लार सेहत के लिए अमृत है? ब्रह्म मुहूर्त में क्यों बन जाता है सबसे बड़ा वरदान?

सारांश

क्या आप जानते हैं कि आपकी मुँह की लार सेहत के लिए एक अमृत के समान है? ब्रह्म मुहूर्त में यह लार अद्भुत औषधीय गुणों से भरपूर होती है। जानें कैसे यह लार दाग-धब्बे, झाइयाँ और डार्क सर्कल्स से राहत दिला सकती है!

Key Takeaways

  • सुबह की लार शरीर के लिए अत्यंत फायदेमंद है।
  • ब्रह्म मुहूर्त में लार का उपयोग अधिक प्रभावी होता है।
  • लार में 18 प्रकार के पोषक तत्व होते हैं।
  • लार त्वचा और आंखों की समस्याओं को हल कर सकती है।
  • प्राकृतिक चिकित्सा के दृष्टिकोण से लार एक सस्ता और प्रभावी इलाज है।

नई दिल्ली, 7 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। दाग-धब्बे, झाइयों और डार्क सर्कल्स जैसी समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए हम कई महंगे प्रोडक्ट्स और दवाइयों पर पैसे खर्च करते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि मुँह में बनने वाली लार इन समस्याओं से राहत दिलाने में सहायक है?

आयुर्वेदाचार्य के अनुसार, मुँह की लार शरीर की सबसे शक्तिशाली और निःशुल्क दवा है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस बासी मुँह की लार को कभी भी नहीं थूकना चाहिए। इसे निगल लेना चाहिए क्योंकि इसमें शरीर के लिए आवश्यक 18 प्रकार के पोषक तत्व होते हैं, जो मिट्टी में भी पाए जाते हैं। यह लार पुराने से पुराने घाव, गैंग्रीन, एक्जिमा, सोरायसिस और त्वचा के दाग-धब्बों को भी ठीक कर सकती है।

जो घाव महीनों तक किसी दवा से ठीक नहीं हो रहे हों, उन पर रोज सुबह बासी लार लगाने से असर दिखने लगता है और पूरी तरह ठीक हो सकता है। आंखों के लिए भी यह चमत्कारिक है। सुबह की लार आंखों में लगाने से रोशनी बढ़ती है, लाल आंखें 24 घंटे में ठीक हो जाती हैं। आंखों के नीचे काले घेरे भी धीरे-धीरे गायब हो जाते हैं। लेकिन ध्यान रखें, सुबह उठने के 48 मिनट बाद लार की क्षारीयता कम हो जाती है, इसलिए जल्दी लगाना जरूरी है।

अब सवाल उठता है कि किस समय लार लगाना चाहिए? तो बता दें कि सुबह की लार लाभकारी होती है। खासकर ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4 से 5 बजे के आसपास) में उठते ही जो लार मुँह में होती है, उसे आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा में अमृत की उपाधि मिली है। इसका पीएच लेवल 8.4 तक होता है जो क्षारीय और औषधीय गुणों से भरपूर होता है।

डॉक्टर्स का कहना है कि आजकल के टूथपेस्ट में मौजूद सोडियम लॉरेल सल्फेट नामक रसायन लार बनाने वाली ग्रंथियों को नुकसान पहुंचाता है। नीम की दातून चबाना और उस दौरान बनने वाली लार पीना सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है। पान खाने वाले लोगों को सलाह दी जाती है कि वे बिना कत्था, सुपारी और तंबाकू वाला देशी हरा पान खाएं। इसमें सौंफ, अजवाइन, लौंग, इलायची, गुलकंद और चूना मिलाकर खाने से लार को थूकने की जरूरत नहीं पड़ती और यह कफ-पित्त-वात तीनों दोषों को संतुलित करता है।

प्राकृतिक चिकित्सा के जानकारों का कहना है कि लार प्रकृति का दिया सबसे सस्ता और असरदार इलाज है।

Point of View

यह स्पष्ट है कि प्राकृतिक चिकित्सा और आयुर्वेद के सिद्धांतों का पुनर्मूल्यांकन आवश्यक है। आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में, ऐसी साधारण चीजें भी हमारे स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं।
NationPress
07/12/2025

Frequently Asked Questions

क्या लार त्वचा की समस्याओं के लिए फायदेमंद है?
हाँ, लार में ऐसे पोषक तत्व होते हैं जो त्वचा की समस्याओं जैसे दाग-धब्बे और झाइयाँ ठीक करने में मदद कर सकते हैं।
ब्रह्म मुहूर्त में लार का उपयोग क्यों करें?
सुबह के समय, खासकर ब्रह्म मुहूर्त में लार का pH लेवल उच्च होता है, जो इसे औषधीय गुणों से भरपूर बनाता है।
लार को निगलने का क्या लाभ है?
बासी लार निगलने से शरीर को आवश्यक पोषक तत्व प्राप्त होते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होते हैं।
क्या नीम की दातून लार बनाने में मदद करती है?
जी हाँ, नीम की दातून चबाने से लार का उत्पादन बढ़ता है और यह सेहत के लिए लाभकारी होती है।
क्या लार का सेवन सभी के लिए सुरक्षित है?
आमतौर पर, लार का सेवन सुरक्षित होता है, लेकिन किसी भी स्वास्थ्य समस्या के लिए डॉक्टरी सलाह लेना आवश्यक है।
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