क्या लव जिहाद के मामलों में पुलिस पीड़ितों की सुनवाई नहीं कर रही? वीएचपी से मदद की गुहार

सारांश
Key Takeaways
- लव जिहाद के मामले गंभीर हैं और पुलिस को अधिक सक्रियता से काम करना चाहिए।
- पीड़ित परिवारों के लिए न्याय की आवश्यकता है।
- आतंकी संगठनों से जुड़े मामलों में सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
- विश्व हिंदू परिषद जैसे संगठनों का समर्थन महत्वपूर्ण है।
- समाज में सुरक्षा और सहिष्णुता को बढ़ावा देना आवश्यक है।
लखनऊ, 6 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड के पलामू और उत्तर प्रदेश के बाराबंकी से लव जिहाद के मामलों की खबरें सामने आई हैं। पीड़ित परिवार ने पुलिस पर ढुलमुल रवैया अपनाने का आरोप लगाया है और समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस को पूरी घटना बताई है।
झारखंड के पलामू जिले की एक महिला ने कहा कि सैफ अली नामक युवक ने उनकी बेटी से दोस्ती की और उसे बहला-फुसलाकर ले गया। परिवार लगातार बेटी से संपर्क करने की कोशिश कर रहा है, लेकिन कोई जानकारी नहीं मिल रही। महिला ने कहा कि बेटी का फोन भी स्विच ऑफ है। वह पुलिस के ढुलमुल रवैये से काफी चिंतित है।
महिला ने यह भी आरोप लगाया कि सैफ अली खान का परिवार आतंकी संगठन आईएसआई से जुड़ा हुआ है। उसकी बेटी 15 मार्च से गायब है और उसे लेकर कोई भी जानकारी नहीं मिल रही। महिला ने कहा कि वह इस बारे में पुलिस और प्रशासन से कई बार शिकायत कर चुकी है, लेकिन संतोषजनक कार्रवाई नहीं हुई। अब वह विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के पास गई हैं और उन्हें उम्मीद है कि उनकी आवाज सुनी जाएगी।
वहीं, उत्तर प्रदेश के बाराबंकी के एक व्यक्ति ने भी लव जिहाद के मामले का खुलासा किया। उसने बताया कि गांव के रमेश की भतीजी रिश्तेदार के पास गई थी, लेकिन वहां अरमान नामक व्यक्ति ने उसका ब्रेनवॉश कर दिया। इसके बाद लड़की घर आई और जेवरात और कैश लेकर भाग गई। पीड़ित पक्ष ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसमें पुलिस ने नाबालिग को खोज निकाला और अरमान को जेल भेज दिया।
हालांकि, जमानत पर छूटने के बाद अरमान रात में हथियार लेकर घर में घुस आया और नाबालिग को अपने साथ ले गया। तब से लड़की का कोई पता नहीं है।
पुलिस प्रशासन की ओर से अब तक कोई संतोषजनक कार्रवाई नहीं की गई है। इस कारण से पीड़ित परिवार ने विश्व हिंदू परिषद का सहारा लिया है। शिकायतकर्ता ने कहा कि सभ्य समाज में ऐसे मामलों को किसी भी कीमत पर नहीं स्वीकार किया जा सकता। ऐसे मामलों में संलिप्त आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए और पीड़ित पक्ष को न्याय मिलना चाहिए।
उन्होंने यह भी दावा किया कि अरमान के तार किसी आतंकी संगठन से जुड़े हैं और अगर उस पर किसी बड़े संगठन का हाथ नहीं होता, तो वह इस तरह की हरकत करने की हिम्मत नहीं जुटा पाता। उनकी मांग है कि इसमें संलिप्त आरोपियों के खिलाफ विधि सम्मत कार्रवाई की जाए।