क्या बिहार चुनाव को लेकर महागठबंधन में सबकुछ सुलझ जाएगा? - हरीश रावत

सारांश
Key Takeaways
- महागठबंधन में समस्याएं सुलझाने का आश्वासन।
- एनडीए का चुनावी आक्रामकता।
- नक्सलवाद पर हरीश रावत की टिप्पणी।
- चुनाव की तारीखें और प्रचार की रणनीतियाँ।
- राजनीतिक दलों के बीच चल रही खींचतान।
नई दिल्ली, 18 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने बिहार विधानसभा चुनाव से संबंधित इंडिया गठबंधन में आई दरार पर स्थिति स्पष्ट की है। उन्होंने कहा कि महागठबंधन में सभी मुद्दों का समाधान किया जाएगा।
बिहार की कुछ विधानसभा सीटों पर कांग्रेस के उम्मीदवारों के सामने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने अपने प्रत्याशी खड़े कर दिए हैं, जिससे गठबंधन में तनाव उत्पन्न हुआ है।
एनडीए के दलों का मानना है कि चुनाव के निकट आने पर यह गठबंधन टूट जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नक्सलवाद पर दिए गए बयान पर हरीश रावत ने कहा कि यह सही है कि एक समय नक्सलवाद का प्रभाव बढ़ा था, लेकिन यूपीए सरकार के दौरान एक विशेष अभियान शुरू किया गया था। स्थानीय बलों को प्रशिक्षित किया गया था और उनके द्वारा माओवाद के प्रभाव को नियंत्रित किया गया। यह कहना कि पहले कोई कदम नहीं उठाया गया, गलत है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के 'ऑपरेशन सिंदूर' वाले बयान पर उन्होंने सहमति जताते हुए कहा कि जीत की आदत बनाए रखनी चाहिए, लेकिन झूठ बोलने की आदत छोड़नी होगी।
जानकारी के अनुसार, बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर बिहार में जहाँ एनडीए का दावा है कि वे अगली सरकार बनाएंगे, वहीं इंडिया ब्लॉक में शामिल राजनीतिक दलों का मानना है कि बिहार में बदलाव देखने को मिलेगा। हालाँकि, गठबंधन में सीटों को लेकर चल रही खींचतान पर कोई भी दल का नेता खुलकर बात करने को तैयार नहीं है।
बिहार में मतदान दो चरणों में होगा। 14 नवंबर को परिणाम घोषित किए जाएंगे। अगले सप्ताह पीएम मोदी के साथ भाजपा शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री भी चुनावी प्रचार को तेज करेंगे।