'क्या 'मेक इन इंडिया' कार्यक्रम भारत को ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग पावरहाउस बना रहा है?

सारांश
Key Takeaways
- मेक इन इंडिया ने भारत को ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग पावरहाउस बनाने में मदद की है।
- पीएलआई योजना ने बड़े पैमाने पर निवेश को आकर्षित किया है।
- भारत अब दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा इनोवेशन केंद्र बन गया है।
- डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग में ऐतिहासिक उपलब्धियां हासिल हुई हैं।
- लॉजिस्टिक्स डेटा बैंक 2.0 भारत को डिजिटल रूप से सशक्त बनाएगा।
नई दिल्ली, २५ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने 'मेक इन इंडिया' इनिशिएटिव के ११ वर्ष पूरे होने के अवसर पर कहा कि यह कार्यक्रम भारत को ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग पावरहाउस में बदल रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने २५ सितंबर २०१४ को 'मेक इन इंडिया' कार्यक्रम की शुरुआत की थी, जिसका उद्देश्य देश के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को सशक्त बनाना है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर गोयल ने लिखा, "इन वर्षों में रिकॉर्ड एफडीआई इनफ्लो, व्यापार करने में सुधार, वैश्विक स्तर पर दूसरे सबसे बड़े मोबाइल निर्माता के रूप में हमारी प्रगति, बढ़ता निर्यात और रक्षा उत्पादन का विस्तार, ये सभी दिखाते हैं कि हम कितनी दूर आ चुके हैं।"
उन्होंने कहा कि उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना ने बड़े पैमाने पर निवेश और रोजगार सृजन में मदद की है, और हमारे युवा और महिलाएं हमारे जीवंत स्टार्टअप इकोसिस्टम को प्रेरित कर रहे हैं, जिससे भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा इनोवेशन केंद्र बन गया है।
गोयल ने कहा, "यह यात्रा हमारे उद्योग, एमएसएमई, स्टार्टअप्स, उद्यमियों और स्वदेशी भावना वाले हर नागरिक के सामूहिक प्रयास का परिणाम है।"
उन्होंने यह भी बताया कि 'मेक इन इंडिया' की ११ साल की कहानी पुनरुत्थान की कहानी है और आने वाला दशक आत्मनिर्भर और विकसित भारत के माध्यम से वैश्विक नेतृत्व की कहानी लिखेगा।
गोयल ने बताया कि दुनिया भारत की डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग क्षमता को भी देख रही है।
उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री मोदी के दृष्टिकोण से प्रेरित होकर, देश ने स्वदेशी रक्षा उत्पादन में ऐतिहासिक उपलब्धियां हासिल की हैं, जो 'मेक इन इंडिया' पहल की सफलता को दर्शाती हैं।"
पिछले सप्ताह, वाणिज्य मंत्री ने 'मेक इन इंडिया' योजना को बढ़ावा देने के लिए कई परिवर्तनकारी पहलों का अनावरण किया। यह पहल इस प्रमुख कार्यक्रम के एक दशक लंबे उत्सव पर आयोजित की गई थी जिसने भारत को आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
गोयल ने उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग द्वारा विकसित प्रमुख पहलों का अनावरण किया, जिनका उद्देश्य परिचालन दक्षता को बढ़ाना और देश में भविष्य के लिए तैयार, वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धी लॉजिस्टिक्स पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना है।
उन्होंने लॉजिस्टिक्स डेटा बैंक (एलडीबी) 2.0 का शुभारंभ भी किया, जो भारत को डिजिटल रूप से सशक्त, निवेश-तैयार और निर्यात-प्रतिस्पर्धी अर्थव्यवस्था की ओर ले जाएगा।