क्या मालेगांव ब्लास्ट केस में कांग्रेस ने आरएसएस और हिंदुओं को बदनाम करने की साजिश की? : राम कदम

सारांश
Key Takeaways
- मालेगांव बम विस्फोट 2008 में हुआ था।
- भाजपा विधायक राम कदम ने कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
- इस मामले में न्याय की प्रक्रिया जारी है।
- सभी आरोपियों को अदालत में पेश होने का आदेश दिया गया है।
- इस विस्फोट ने अनेक लोगों की जान ली थी।
मुंबई, 31 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। भाजपा विधायक राम कदम ने गुरुवार को कांग्रेस पार्टी पर तीखा आरोप लगाते हुए कहा कि मालेगांव बम विस्फोट मामला राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और हिंदू समुदाय की छवि को धूमिल करने के लिए एक राजनीतिक साजिश थी।
उन्होंने एक वीडियो संदेश में कहा कि कांग्रेस ने आरएसएस के कुछ सदस्यों को निशाना बनाकर पूरे हिंदू समुदाय की छवि को खराब करने का प्रयास किया। देश ने 17 वर्षों से न्याय की उम्मीद की है, और हमें विश्वास है कि आज सच्चाई सामने आएगी। उन्होंने यह भी कहा कि जब कांग्रेस सत्ता में थी, तब हिंदू धार्मिक पहचान को आतंकवाद से जोड़ने का प्रयास किया गया था।
राम कदम ने आगे कहा कि कांग्रेस ने 'भगवा आतंकवाद' जैसे शब्दों का प्रयोग किया। हमारे लिए भगवा एक पवित्र रंग है। कांग्रेस ने इसे हिंसा और आतंकवाद से जोड़ने की कोशिश की। उन्होंने हमारे साधुओं, पुजारियों और बहादुर सैन्य अधिकारियों को भी इस साजिश में खींचा। यह सिर्फ हमारी राय नहीं है, बल्कि जांच में शामिल कुछ अधिकारियों ने भी यह कहा है कि उन पर कांग्रेस सरकार का दबाव था।
भाजपा विधायक का यह बयान 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में विशेष एनआईए अदालत द्वारा निर्णय सुनाए जाने से कुछ घंटे पहले आया है। इस मामले में अभियोजन और बचाव पक्ष दोनों की दलीलें पूरी हो चुकी हैं।
इस विस्फोट में 29 सितंबर, 2008 को महाराष्ट्र के मालेगांव में रमजान के पवित्र महीने और नवरात्रि से ठीक पहले घटित हुआ था। इस विस्फोट में छह लोगों की मौत हो गई थी और 100 से अधिक लोग घायल हुए थे। मुकदमे के दौरान अभियोजन पक्ष ने 323 गवाहों से पूछताछ की, जिनमें से 34 अपने बयानों से मुकर गए, जो अंतिम फैसले में महत्वपूर्ण हो सकता है। सभी आरोपी वर्तमान में जमानत पर हैं।