क्या मल्लिकार्जुन खड़गे को पृथ्वीराज चव्हाण को पार्टी से निष्कासित करना चाहिए?: नीरज कुमार
सारांश
Key Takeaways
- पृथ्वीराज चव्हाण का विवादास्पद बयान
- नीरज कुमार की मल्लिकार्जुन खड़गे से निष्कासन की मांग
- ऑपरेशन सिंदूर की सफलता
- राजनीतिक पर्यटन पर राहुल गांधी की यात्रा
- नक्सलवाद का जनसंबंधी समाधान
पटना, १७ दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण द्वारा ऑपरेशन सिंदूर पर दिए गए विवादास्पद बयान पर पलटवार करते हुए कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से अनुरोध किया है कि उन्हें पार्टी से तुरंत निष्कासित किया जाए।
नीरज कुमार का यह बयान उस समय आया है जब ऑपरेशन सिंदूर के संदर्भ में कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के पहले दिन ही भारत हार गया था।
जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से विशेष बातचीत में कहा कि पृथ्वीराज चव्हाण कांग्रेस के नेता हैं और उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। कांग्रेस को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए। किसी को भी सेना की ताकत या क्षमता पर सवाल नहीं उठाना चाहिए। ऑपरेशन सिंदूर की सफलता और आतंकवाद पर पाकिस्तान को बेनकाब करने के लिए भारत से सांसदों का सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल गया था। ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान के दांत खट्टे कर दिए। खड़गे को सेना का सम्मान करते हुए पृथ्वीराज को निष्कासित करना चाहिए।
इथियोपिया द्वारा प्रधानमंत्री मोदी को अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित करने पर जदयू प्रवक्ता ने कहा कि यह स्वाभाविक है। वे देश के प्रधानमंत्री हैं। नागरिकों के लिए यह गर्व की बात है कि उन्हें इथियोपिया में सर्वोच्च नागरिक सम्मान मिला है। यह राष्ट्रीय सम्मान का मामला है।
राहुल गांधी की जर्मनी यात्रा पर जदयू प्रवक्ता ने कहा कि यह मानना स्वाभाविक है कि राहुल गांधी एक राजनीतिक पर्यटक हैं और उनके संबंध उनके राजनीतिक फैसलों पर काफी असर डालते हैं। इससे तेजस्वी यादव भी बहुत प्रभावित हुए हैं। दोनों नेताओं को बिहार की जनता ने गहरे जख्म दिए हैं। क्योंकि वे गांधी परिवार से हैं और एक खास व्यक्ति हैं, इसलिए वे खास ही रहेंगे और आम आदमी नहीं बन पाएंगे। नतीजतन, आम लोग भी खास नहीं बन पाएंगे।
राजद नेता तेजस्वी यादव के मुजफ्फरपुर मामले में किए गए एक्स पोस्ट पर जदयू प्रवक्ता ने कहा कि तेजस्वी यादव के पोस्ट का कोई मतलब नहीं है, क्योंकि उनकी लोकेशन देश या विदेश में कहीं भी ट्रेस नहीं हो पा रही है, जबकि पोस्ट की लोकेशन मिल गई है। यह एक दुखद घटना है। मृतक की उम्र लगभग ४० साल थी, वह दिव्यांग था, और उसके पाँच बच्चे थे। आत्महत्या के कारण क्या थे, यह जांच का विषय है।
नक्सलवाद पर कहा कि नक्सलवाद को बंदूकों से खत्म नहीं किया जा सकता। यह जनता से जुड़ा मुद्दा है और इसका समाधान लोगों की चिंताओं को दूर करके ही निकलेगा। छत्तीसगढ़ सरकार उसी दिशा में काम कर रही है।