क्या सीएम ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल को बांग्लादेश में बदलने की कोशिश कर रही हैं?: सीपी सिंह

सारांश
Key Takeaways
- सी.पी. सिंह का आरोप है कि ममता बनर्जी बंगाल में मुस्लिम तुष्टिकरण कर रही हैं।
- चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है, जिसे सभी सूचनाएं प्रदान करनी होंगी।
- ममता बनर्जी के आरोपों का वास्तविकता से क्या संबंध है?
- आपातकाल के 50 साल पर दत्तात्रेय होसबोले का बयान महत्वपूर्ण है।
- बांग्लादेश का कोई अस्तित्व हिंदुस्तान में नहीं हो सकता।
रांची, 27 जून (राष्ट्र प्रेस)। चुनाव आयोग पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा लगाए गए आरोपों पर झारखंड भाजपा के वरिष्ठ नेता सी.पी. सिंह ने शुक्रवार को कहा कि वह बंगाल को बांग्लादेश में बदलने की इच्छा रखती हैं, तथा बंगाल में मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति कर हिंदुओं पर अत्याचार कर रही हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि चुनाव आयोग द्वारा मांगी गई सभी सूचनाएं प्रदान करनी होंगी।
ममता बनर्जी ने चुनाव आयोग पर आरोप लगाया है कि वह भाजपा के इशारे पर वोटर लिस्ट में विशेष संशोधन कर एनआरसी को चुपचाप लागू करने का प्रयास कर रहा है।
सी.पी. सिंह ने कहा कि चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है और पूरे देश में इसकी निगरानी में चुनाव होते हैं। उन्होंने कहा कि जब ममता बनर्जी चुनाव जीतती हैं, तो चुनाव आयोग उनके लिए सही होता है। उनका मानना है कि चुनाव आयोग जो भी सूचना मांगेगा, वह अवश्य देनी होगी।
उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी के मन में कहीं न कहीं डर दिखाई दे रहा है। इसलिए, वह चुनाव आयोग पर आरोप लगा रही हैं। बंगाल के भीतर मुस्लिम तुष्टिकरण के सहारे वह पश्चिम बंगाल को बांग्लादेश बनाना चाहती हैं। लेकिन उन्हें यह समझ लेना चाहिए कि हिंदुस्तान में बांग्लादेश नहीं बन सकता।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में गुरुवार को आपातकाल के 50 साल पूरे होने पर आयोजित एक कार्यक्रम में दत्तात्रेय होसबोले ने इस बात पर जोर दिया कि संविधान की प्रस्तावना में 'समाजवादी' और 'धर्मनिरपेक्ष' शब्दों की समीक्षा की जानी चाहिए। भाजपा नेता ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने तानाशाह की भूमिका निभाते हुए आपातकाल लगाया और संविधान की मूल भावना के साथ खेलवाड़ किया।
राहुल गांधी के संविधान की कॉपी लेकर घूमने पर सी.पी. सिंह ने कहा कि उनकी दादी ने इस देश में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को समाप्त किया। आपातकाल लगाकर विपक्ष के नेताओं को जेल में डाला गया और मीडिया की आजादी छीन ली गई। संविधान की कॉपी लेकर घूमने से बेहतर है कि उन्हें माफी मांगनी चाहिए।