क्या मौलाना मदनी से जिहादियों की पैरवी करने के तरीके सीखे जा सकते हैं? : वीएचपी प्रवक्ता विनोद बंसल

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क्या मौलाना मदनी से जिहादियों की पैरवी करने के तरीके सीखे जा सकते हैं? : वीएचपी प्रवक्ता विनोद बंसल

सारांश

दिल्ली के विस्फोट मामले में मौलाना अरशद मदनी के भेदभाव के आरोपों पर वीएचपी प्रवक्ता विनोद बंसल ने तीखा पलटवार किया है। क्या मौलाना मदनी से जिहादियों की पैरवी करने के तरीके सीखे जा सकते हैं? जानिए इस विवाद के पीछे की सच्चाई।

Key Takeaways

  • दिल्ली विस्फोट की जांच जारी है।
  • मौलाना अरशद मदनी ने भेदभाव का आरोप लगाया है।
  • वीएचपी प्रवक्ता विनोद बंसल ने पलटवार किया है।
  • आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता, लेकिन मजहब होता है।
  • अतिवादियों का समर्थन घातक हो सकता है।

नई दिल्ली, 23 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली विस्फोट मामले की जांच चल रही है। इस बीच, जमीयत-उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने भारत में मुसलमानों के साथ भेदभाव का आरोप लगाया है, जिस पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं बढ़ रही हैं। विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के प्रवक्ता विनोद बंसल ने रविवार को इस पर जवाब दिया।

वीएचपी प्रवक्ता विनोद बंसल ने एक वीडियो जारी करते हुए कहा, "इस्लामिक जिहादियों और अतिवादियों की पैरवी करने के तरीके मौलाना मदनी से सीखे जा सकते हैं। ये लोग आतंकवादियों की रक्षा करने, उनके ठिकानों को बचाने और भारत में हिंसा एवं आतंकवाद फैलाने वालों का समर्थन करने का काम कर रहे हैं। इतने प्रौढ़ और प्रभावशाली मुस्लिम नेता के बयानों से यह स्पष्ट है कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता, लेकिन मज़हब जरूर होता है।"

उन्होंने आगे कहा, "मौलाना साहब को लंदन और न्यूयॉर्क के मेयर तो नजर आ गए, लेकिन भारत के कई राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, मुख्य न्यायाधीश जैसे शीर्ष संवैधानिक पदों पर बैठे मुस्लिम नजर नहीं आए। उन्हें उन लोगों का भी ध्यान नहीं है जिन्होंने भारत को मिसाइलें दीं।"

वीएचपी प्रवक्ता ने कहा, "मौलाना को याद है अलफलाह यूनिवर्सिटी का वाइस चांसलर, जो आज जेल में है, या उत्तर प्रदेश के कैबिनेट में रहे आजम खान, जिन पर कई केस चल रहे हैं। ऐसे मुस्लिम नेताओं के लिए वे आंसू बहा रहे हैं, जिन्हें शर्म आनी चाहिए। जब लाल किले के सामने डॉ. उमर धर्म के नाम पर लोगों को मारने के लिए अपने आपको उड़ा देते हैं, तब उनके मुंह से एक शब्द नहीं निकलता। जब आतंकियों से जुड़े तार को खोला जाता है और अलफलाह पर आरोप लगाकर वाइस चांसलर को जेल भेजा जाता है, तब ये लोग बौखला जाते हैं।"

विनोद बंसल ने कहा, "मौलाना को कुछ तो शर्म करनी चाहिए। कम से कम जिस थाली में खाते हैं, उसमें छेद करना बंद करें। उनके ये बयान इस्लाम के लिए भी घातक हो सकते हैं, क्योंकि यदि आप अतिवादियों और आतंकवादियों को बचाने का प्रयास करेंगे, तो इसका परिणाम बहुत गंभीर होगा।"

Point of View

वहीं दूसरी ओर वीएचपी प्रवक्ता ने इस्लामिक अतिवाद के खिलाफ अपनी आवाज उठाई है। हमें इस मुद्दे को बिना किसी पूर्वाग्रह के देखना चाहिए।
NationPress
27/11/2025

Frequently Asked Questions

दिल्ली विस्फोट मामले की जांच कब शुरू हुई?
दिल्ली विस्फोट मामले की जांच हाल ही में शुरू हुई है और इसे लेकर कई प्रतिक्रियाएं आ रही हैं।
मौलाना अरशद मदनी का बयान क्या है?
मौलाना अरशद मदनी ने भारत में मुसलमानों के साथ भेदभाव का आरोप लगाया है।
विनोद बंसल ने क्या कहा है?
विनोद बंसल ने मौलाना मदनी पर जिहादियों की पैरवी करने का आरोप लगाया है।
क्या आतंकवाद का कोई धर्म होता है?
विनोद बंसल ने कहा है कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता, लेकिन मजहब जरूर होता है।
क्या मौलाना मदनी को शर्म आनी चाहिए?
बंसल ने मौलाना मदनी को शर्म करने की सलाह दी है, खासकर जब वे वाइस चांसलर की गिरफ्तारी पर सवाल उठाते हैं।
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