क्या माइक्रोटनलिंग ने भारत में पाइपलाइन के इतिहास में नए मानक स्थापित किए हैं? : हरदीप पुरी

Click to start listening
क्या माइक्रोटनलिंग ने भारत में पाइपलाइन के इतिहास में नए मानक स्थापित किए हैं? : हरदीप पुरी

सारांश

केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने असम की बेकी नदी में माइक्रोटनलिंग तकनीक से महज 28 दिनों में पाइपलाइन बिछाने की सफलता की जानकारी दी। यह तकनीक, पारंपरिक विधियों से बेहतर साबित हुई और इंजीनियरिंग में एक नया मानक स्थापित किया। जानें कैसे इसने भारत की ऊर्जा सुरक्षा में योगदान दिया है।

Key Takeaways

  • माइक्रोटनलिंग तकनीक ने 28 दिनों में पाइपलाइन बिछाई।
  • बिना खुदाई के काम करने की क्षमता।
  • पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता दर्शाता है।
  • इंजीनियरिंग में एक नया मानक स्थापित किया।
  • भारत की ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करने में सहायक।

नई दिल्ली, 4 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सोमवार को बताया कि असम में बहने वाली बेकी नदी में माइक्रोटनलिंग की विधि द्वारा मात्र 28 दिनों में पाइपलाइन बिछाई गई।

उन्होंने कहा कि यह कार्य एक उत्कृष्ट तकनीक के साथ, बिना खुदाई और नदी के सतह पर किसी प्रकार के नुकसान के, केवल सटीकता के साथ पूरा किया गया, जो भविष्य की इंजीनियरिंग के लिए एक मिसाल बन गई।

केंद्रीय मंत्री पुरी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक वीडियो पोस्ट करते हुए कहा, "असम में बहने वाली बेकी एक शक्तिशाली लेकिन बाढ़ग्रस्त नदी के नीचे भारत की सबसे पुरानी क्रॉस कंट्री पाइपलाइन गुजरती है। 1964 में चालू की गई 434 किलोमीटर लंबी ऊर्जा रेखा वर्षों से पूर्वोत्तर भारत के विकास की धड़कन रही है, लेकिन समय के साथ इस पाइपलाइन को नया जीवन देने की आवश्यकता महसूस हुई। पारंपरिक तकनीकों जैसे ओपन कट, एचडीडी, और सस्पेंशन का प्रयास किया गया, लेकिन इस संवेदनशील पारिस्थितिक नदी तल में कोई भी पारंपरिक उपाय सफल नहीं हुआ।"

उन्होंने बताया कि तब माइक्रोटनलिंग नामक तकनीक उपयुक्त समाधान के रूप में सामने आई, जिसमें बिना खुदाई और सतह पर किसी भी नुकसान के, केवल सटीकता से काम किया गया।

केंद्रीय मंत्री पुरी ने कहा, "हौसले और नवाचार के साथ असंभव को संभव बना दिया गया। इस कार्य के लिए दुनिया की सबसे उन्नत माइक्रोटनलिंग मशीनों में से एक हेर्रेंक्नेच्ट एवीएन 1600 एमटीबीएम को तैनात किया गया। इस मशीन ने वर्षों का कार्य मात्र 28 दिनों में पूरा किया, जिससे यह प्रोजेक्ट भविष्य के लिए इंजीनियरिंग की एक मिसाल बन गया और पाइपलाइन इतिहास में एक नया मानक स्थापित कर दिया।

इससे पहले रविवार को उन्होंने जानकारी दी कि वर्ष 2015 से भारत में कार्यरत अन्वेषण और उत्पादन (ईएंडपी) कंपनियों ने 172 हाइड्रोकार्बन क्षेत्र खोजे हैं, जिनमें 62 अपतटीय क्षेत्रों में हैं।

Point of View

बल्कि पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता भी दर्शाता है। यह कदम भविष्य में ऊर्जा क्षेत्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
NationPress
04/08/2025

Frequently Asked Questions

माइक्रोटनलिंग क्या है?
माइक्रोटनलिंग एक तकनीक है जिससे पाइपलाइन को बिना खुदाई के बिछाया जाता है।
बेकी नदी में पाइपलाइन बिछाने में कितना समय लगा?
बेकी नदी में पाइपलाइन बिछाने में मात्र 28 दिन लगे।
इस कार्य में कौन सी मशीन का उपयोग किया गया?
इस कार्य के लिए 'हेर्रेंक्नेच्ट एवीएन 1600 एमटीबीएम' मशीन का उपयोग किया गया।
इस परियोजना का महत्व क्या है?
यह परियोजना भारत की ऊर्जा सुरक्षा को सुदृढ़ करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
क्या यह तकनीक भविष्य में अन्य परियोजनाओं में भी उपयोग की जाएगी?
हाँ, माइक्रोटनलिंग तकनीक के उपयोग से अन्य परियोजनाओं में भी लाभ मिल सकता है।