क्या मोहन यादव सरकार कानून व्यवस्था में पूरी तरह विफल रही है? : कांग्रेस नेता बाला बच्चन
सारांश
Key Takeaways
- मोहन यादव सरकार की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए गए हैं।
- पुलिसकर्मियों पर हमलों की संख्या चिंताजनक है।
- हिरासत में मौतों की बढ़ती संख्या पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
भोपाल, 13 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस) मध्य प्रदेश के पूर्व गृहमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बाला बच्चन ने राज्य की कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाए हैं और कहा है कि मोहन यादव सरकार हर मोर्चे पर नाकाम साबित हुई है।
उन्होंने संवाददाताओं को बताया कि मुख्यमंत्री मोहन यादव का दो वर्ष का कार्यकाल राज्य के लिए ‘प्रशासनिक लापरवाही और अराजकता’ का कारण बन गया है।
बाला बच्चन ने कहा कि मुख्यमंत्री के रूप में गृह विभाग का कार्यभार संभालना उनकी विफलता का प्रमाण है। राज्य का ‘विकास और सेवा’ का दावा केवल “मीडिया प्रबंधन” तक सीमित रह गया है। पिछले दो वर्षों में सिर्फ ‘धोखे और कर्ज’ का शासन देखने को मिला है, जहां हर नागरिक पर 50 हजार का कर्ज थोप दिया गया है। दूसरी ओर, बेटियों और पुलिसकर्मियों की सुरक्षा पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है।
बच्चन ने कहा कि मुख्यमंत्री मोहन यादव के पास गृह विभाग का नियंत्रण पूरी तरह से समाप्त हो चुका है। पुलिस बल को अत्यधिक बल प्रयोग और मनमानी करने की स्वतंत्रता मिल गई है।
कांग्रेस नेता का यह भी कहना है कि भाजपा के शासनकाल में हिरासत में हुई मौतों की संख्या में 23 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 2020-21 में 163 हिरासत में मौतें हुई थीं, जो 2021-22 में बढ़कर 201 हो गईं। हाल ही में, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को स्वत: संज्ञान लेना पड़ा। अक्टूबर 2025 में, भोपाल में एक बी.टेक छात्र और अशोकनगर में एक ग्रामीण व्यक्ति की कथित पुलिस बर्बरता में हुई मौत पर नोटिस जारी किया गया।
इसके अतिरिक्त, जनवरी 2024 से अक्टूबर 2025 तक राज्य में 329 पुलिसकर्मियों पर विभिन्न धाराओं में मामले दर्ज हुए हैं, जिनमें सबसे अधिक 48 मामले भोपाल में दर्ज हुए। बच्चन का आरोप है कि राज्य में पुलिस भी सुरक्षित नहीं है। जनवरी 2024 से जून 2025 तक पुलिसकर्मियों पर हमले के 461 मामले दर्ज हुए, जिनमें 612 पुलिसकर्मी घायल हुए और 5 पुलिसकर्मियों की मृत्यु हुई है। राज्य में महिलाओं पर अपराध बढ़ रहे हैं, तस्करी के मामले बढ़ रहे हैं और सरकार आंख मूंदे हुई है।