क्या मुस्लिम लीग ने सरदार पटेल पर हमले किए थे, जिसे कांग्रेस ने 86 साल तक छिपाए रखा?

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क्या मुस्लिम लीग ने सरदार पटेल पर हमले किए थे, जिसे कांग्रेस ने 86 साल तक छिपाए रखा?

सारांश

भाजपा ने कांग्रेस पर आरोप लगाया है कि उसने सरदार पटेल पर हुए मुस्लिम लीग के हमलों को 86 वर्षों तक छिपाए रखा। यह कहानी न केवल एक व्यक्ति पर हमले की है, बल्कि भारत की एकता पर भी। जानिए इस विवाद के पीछे का सच।

Key Takeaways

  • सरदार पटेल पर हमलों का आरोप भाजपा द्वारा कांग्रेस पर लगाया गया है।
  • मुस्लिम लीग ने 1939 में दो हमले किए थे।
  • कांग्रेस ने इन घटनाओं को लंबे समय तक दबाए रखा।
  • भाजपा ने इतिहासकार रिजवान कादरी के खुलासों का हवाला दिया है।
  • यह मामला भारत की एकता और साम्प्रदायिक सौहार्द पर है।

नई दिल्ली, 31 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस पार्टी पर सरदार वल्लभभाई पटेल के ऊपर हुए हमलों को 86 साल तक दबाए रखने का आरोप लगाया है। भाजपा का कहना है कि पटेल पर हुआ यह हमला केवल एक व्यक्ति पर नहीं, बल्कि भारत की एकता पर था।

भाजपा ने सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के अवसर पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर कई पोस्ट साझा किए। साथ ही, पार्टी ने इतिहासकार रिजवान कादरी द्वारा किए गए खुलासों को भी साझा किया है।

भाजपा ने एक पोस्ट में लिखा, '1939 में, मुस्लिम लीग ने सरदार पटेल पर दो घातक हमले करवाए और कांग्रेस ने इस घटना को चुपचाप दबा दिया। कांग्रेस ने इसे 86 साल तक क्यों छिपाए रखा, जब तक कि इतिहासकार रिजवान कादरी ने इसका पर्दाफाश नहीं किया? क्योंकि सच्चाई असहज होती है।'

पार्टी का कहना है कि जब सरदार पटेल प्रजामंडल आंदोलन के जरिए रियासतों को एकजुट कर रहे थे, तब मुस्लिम लीग ने धर्म के नाम पर हिंसा भड़काई और कांग्रेस ने चुप्पी साध ली।

भाजपा ने 20 जनवरी 1939 को वडोदरा में हुई एक घटना का उल्लेख किया। पार्टी ने लिखा, 'जब सरदार पटेल का जुलूस मांडवी से गुजरा, तो मुस्लिम लीग समर्थित गुंडों ने 'सरदार वापस जाओ!' के नारे लगाए और उनकी कार पर पथराव किया। प्रजामंडल कार्यालय में आग लगाई गई, जो पटेल के बढ़ते प्रभाव को दबाने का एक प्रयास था। इस पर कांग्रेस मौन रही।'

पोस्ट में लिखा गया, 'अगले दिन, सरदार पटेल ने शांति और संयम बरतने की अपील की, लेकिन वडोदरा शासन ने मामले को एक फर्जी जांच कर बंद कर दिया। यह तो सिर्फ शुरुआत थी। मुस्लिम लीग के गुंडे भावनगर में कुछ और घातक योजना बना रहे थे।'

भाजपा का कहना है कि 14 मई 1939 को जब सरदार पटेल 5वीं प्रजा परिषद का नेतृत्व करने पहुंचे, तो मुस्लिम लीग से जुड़ी भीड़ ने उनके शांतिपूर्ण जुलूस पर हमला किया। यह एक पूर्व-नियोजित षड्यंत्र था, जिसमें दो नवयुवक शहीद हुए। इतनी हिंसा के बावजूद, सरदार पटेल ने एकता का मार्ग कभी नहीं छोड़ा।'

पार्टी ने यह भी आरोप लगाया कि आजादी के बाद कांग्रेसी इतिहासकारों ने इस घटना को पाठ्यपुस्तकों और आर्काइव से मिटा दिया। किसी ने भी मुस्लिम लीग की भूमिका या कांग्रेस की चुप्पी का उल्लेख नहीं किया।

भाजपा ने सत्र न्यायालय (भावनगर) का आधिकारिक हस्तलिखित रिकॉर्ड भी साझा किया और दावा किया कि इसमें 13 प्रमुख अभियुक्तों की सूची है। पार्टी का कहना है कि यह मुस्लिम लीग से जुड़े लोगों को सीधे तौर पर षड्यंत्र से जोड़ने वाला प्राथमिक न्यायिक साक्ष्य है।

Point of View

हमें यह समझना चाहिए कि ऐतिहासिक घटनाओं को छिपाना या विकृत करना किसी भी राजनीतिक दल के लिए उचित नहीं है। हमें सच्चाई को उजागर करने की आवश्यकता है और यह महत्वपूर्ण है कि हम अपने इतिहास को सही तरीके से जानें।
NationPress
31/10/2025

Frequently Asked Questions

भाजपा ने सरदार पटेल पर हमलों का आरोप क्यों लगाया?
भाजपा का कहना है कि कांग्रेस ने सरदार पटेल पर मुस्लिम लीग के हमलों को 86 साल तक छिपाकर रखा, जो कि भारत की एकता पर हमला था।
कौन से ऐतिहासिक घटनाओं का उल्लेख किया गया है?
भाजपा ने 1939 में वडोदरा और भावनगर में हुए हमलों का उल्लेख किया है, जहां पटेल पर हमले हुए थे।
कांग्रेस ने इस पर क्या प्रतिक्रिया दी?
कांग्रेस ने इन आरोपों का खंडन किया है और इसे भाजपा की राजनीतिक रणनीति बताया है।