क्या नागरिकता केंद्र सरकार का विषय है? ममता बनर्जी को टिप्पणी नहीं करनी चाहिए: जगन्नाथ सरकार
सारांश
Key Takeaways
- नागरिकता केंद्र सरकार का विषय है।
- ममता बनर्जी को इस पर टिप्पणी करने का अधिकार नहीं है।
- केंद्र सरकार घुसपैठियों के खिलाफ कार्रवाई करेगी।
- भारत में अवैध प्रवासियों को स्वीकार नहीं किया जाएगा।
- गैर-मुस्लिमों को नागरिकता मिलनी चाहिए।
नदिया, 20 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भाजपा सांसद जगन्नाथ सरकार ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर तंज कसा। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी को नागरिकता के बारे में किसी भी प्रकार की टिप्पणी करने का कोई सैद्धांतिक अधिकार नहीं है, क्योंकि नागरिकता हमेशा केंद्र का विषय होता है। ऐसे में, ममता बनर्जी को इस संदर्भ में कोई टिप्पणी नहीं करनी चाहिए, यह बेहतर रहेगा।
भाजपा नेता ने शनिवार को समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि केंद्र सरकार घुसपैठियों के खिलाफ ठोस कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध है। यदि पश्चिम बंगाल सरकार इस दिशा में सहयोग नहीं करती है, तो भी कोई बात नहीं। केंद्र सरकार अपने सुरक्षा बलों का उपयोग करके आगे बढ़ेगी।
उन्होंने कहा कि हम अपने देश में अवैध तरीके से रह रहे लोगों को किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं कर सकते हैं। अगर कोई वैध दस्तावेजों के साथ रह रहा है, तो हमें इससे कोई आपत्ति नहीं है। लेकिन अवैध रूप से रहने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, क्योंकि भारत हमारा है। हम किसी अन्य देश के नागरिक को कैसे स्वीकार कर सकते हैं?
उन्होंने कहा कि इस देश का विभाजन द्वि-राष्ट्र के सिद्धांत पर हुआ था। इस स्थिति में, पाकिस्तान और बांग्लादेश में रहने वाले गैर-मुस्लिम समुदाय के लोग भारत की नागरिकता के हकदार हैं। उन्हें मताधिकार भी मिलना चाहिए, क्योंकि यह उनका लोकतांत्रिक अधिकार है। इस दिशा में कोई समझौता नहीं होना चाहिए।
भाजपा नेता ने कहा कि हमारे केंद्रीय गृह मंत्री ने स्पष्ट किया है कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में रहने वाले गैर-मुस्लिम लोगों को भारत की नागरिकता मिलनी चाहिए। उन्हें सभी प्रकार के अधिकार मिलने चाहिए। मुझे विश्वास है कि केंद्र सरकार की ओर से जल्द ही ठोस कदम उठाए जाएंगे।