क्या बिहार में एनडीए ने पैसे के माध्यम से चुनाव प्रबंधित किया और आयोग ने माहौल बनाने में सहयोग किया?: राजीव शुक्ला
सारांश
Key Takeaways
- बिहार चुनाव में धन का वितरण हुआ।
- चुनाव आयोग ने भाजपा और एनडीए के पक्ष में माहौल बनाया।
- शुक्ला ने सिस्टम के पक्षपाती होने का आरोप लगाया।
- विपक्ष को चुनाव प्रक्रिया पर नियंत्रण के प्रयास रोकने की आवश्यकता है।
- चुनाव प्रक्रिया संदिग्ध हो चुकी है।
नई दिल्ली, 16 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस सांसद राजीव शुक्ला ने कहा है कि बिहार का चुनाव सरकारी मशीनरी और एक पक्षपातपूर्ण चुनाव आयोग पर निर्भर था। उन्होंने कहा कि इतनी बड़ी जीत किसी भी लोकतांत्रिक चुनाव में स्वाभाविक रूप से संभव नहीं है। उनके अनुसार, चुनाव आयोग ने भाजपा और एनडीए के लिए अनुकूल माहौल तैयार किया।
राजीव शुक्ला ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि जब आप 100 सीटों पर चुनाव लड़ते हैं और 90 सीट जीतते हैं, तो यह कभी भी संभव नहीं है। भारत के किसी भी चुनाव में ऐसा परिणाम नहीं देखा गया। ये सीटें आईं कहां से?
उन्होंने आरोप लगाया कि बिहार में चुनाव आयोग ने स्पष्ट रूप से पक्षपात किया और पूरी तरह से भाजपा और एनडीए गठबंधन के पक्ष में माहौल तैयार किया।
शुक्ला ने कहा कि चुनाव में धन का वितरण हुआ और सरकारी एजेंसियों का दुरुपयोग कर विपक्ष को कमजोर किया गया। एनडीए ने पैसे के माध्यम से चुनाव को प्रबंधित किया। सरकारी एजेंसियों का दुरुपयोग हुआ। अन्यथा, 100 में 90 सीटें जीतना असंभव है।
उन्होंने कहा कि ऐतिहासिक कांग्रेस लहर में भी राजीव गांधी को इतनी प्रचंड सीटें नहीं मिली थीं, जितनी इस बार बिहार में सत्तारूढ़ दल को मिलती दिखीं।
राजीव शुक्ला ने कहा कि जब पूरा सिस्टम किसी गठबंधन के पक्ष में खड़ा हो, तो विपक्ष के लिए लड़ाई बेहद कठिन हो जाती है।
उन्होंने कहा कि चुनाव हारने की स्थिति में राहुल गांधी पर हर समय दोष मढ़ना आसान है, लेकिन सच यह है कि उन्होंने ‘वोट चोरी’ के खिलाफ बिहार में व्यापक यात्रा की थी और प्रियंका गांधी भी चुनाव प्रचार में थीं। लेकिन जब चुनाव आयोग ही आपके खिलाफ खड़ा हो, और सत्तारूढ़ दल को कुछ भी करने की आजादी हो, तो परिणाम कैसे विपक्ष के पक्ष में आएंगे?
कांग्रेस सांसद ने कहा कि बिहार का चुनाव अब भी लोगों के बीच रहस्य बना हुआ है और विपक्ष को आगामी चुनावों में चुनाव प्रक्रिया पर नियंत्रण के प्रयासों को रोकने के लिए विस्तृत और सामूहिक रणनीति बनानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि चुनाव प्रक्रिया संदिग्ध हो चुकी है। पूरे विपक्ष को मिलकर चुनावी ढांचे पर नियंत्रण के प्रयासों को खत्म करने की रणनीति तैयार करनी होगी।