क्या निमिषा प्रिया को यमन में मौत की सजा से बचाया जा सकता है? सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर

सारांश
Key Takeaways
- निमिषा प्रिया को यमन में हत्या के मामले में मौत की सजा का सामना करना पड़ रहा है।
- सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है।
- निमिषा की मां प्रेमा कुमारी उनकी सजा माफ कराने के लिए प्रयासरत हैं।
- सरकार मामले में सहायता कर रही है।
- यमन की सर्वोच्च न्यायिक परिषद ने सजा को बरकरार रखा है।
नई दिल्ली, 10 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। केरल की नर्स निमिषा प्रिया को यमन में एक नागरिक की हत्या के मामले में मौत की सजा से बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका प्रस्तुत की गई है। सेव निमिषा प्रिया इंटरनेशनल एक्शन काउंसिल ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर जल्द सुनवाई की मांग की है।
वकील ने जानकारी दी कि निमिषा प्रिया को यमनी नागरिक की हत्या के मामले में 16 जुलाई को फांसी दी जानी है। उन्होंने मांग की है कि सुप्रीम कोर्ट केंद्र सरकार को आदेश दे कि वह राजनीतिक हस्तक्षेप के माध्यम से यमन सरकार से चर्चा करे। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में जल्द सुनवाई पर सहमति व्यक्त की है।
जानकारी के अनुसार, केरल के पलक्कड़ जिले के कोलेंगोडे की नर्स निमिषा प्रिया ने 2008 में अपने गरीब माता-पिता की सहायता के लिए यमन का रुख किया था। उन्होंने विभिन्न अस्पतालों में कार्य किया और अंततः अपना खुद का क्लिनिक खोलने का निर्णय लिया।
2017 में निमिषा प्रिया और उनके यमनी बिजनेस पार्टनर तलाल अब्दो महदी के बीच विवाद उत्पन्न हुआ, जिसके परिणामस्वरूप उन पर महदी की हत्या का आरोप लगा। तब से वे जेल में बंद हैं।
साल 2020 में सना की एक ट्रायल कोर्ट ने निमिषा को मौत की सजा सुनाई थी। इसके बाद यमन की सर्वोच्च न्यायिक परिषद ने नवंबर 2023 में इस फैसले को बनाए रखा। हालांकि, उसने ब्लड मनी विकल्प को खुला रखा।
इस बीच, विदेश मंत्रालय (एमईए) के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक बयान में कहा था, "हमें यमन में निमिषा प्रिया की सजा के बारे में जानकारी है। हम समझते हैं कि प्रिया का परिवार प्रासंगिक विकल्पों पर विचार कर रहा है। सरकार इस मामले में हर संभव सहायता प्रदान कर रही है।"
यह बयान उस समय आया था जब यमन के राष्ट्रपति रशद अल-अलीमी द्वारा निमिषा प्रिया की मौत की सजा को मंजूरी दी गई थी।
निमिषा की 57 वर्षीय मां प्रेमा कुमारी अपनी बेटी की मृत्युदंड की सजा को माफ कराने के लिए हर संभव प्रयास कर रही हैं।