क्या नितेश राणे का कांग्रेस पर तंज छत्रपति शिवाजी महाराज के सम्मान को प्रभावित करेगा?

सारांश
Key Takeaways
- नितेश राणे का कांग्रेस पर तंज।
- छत्रपति शिवाजी महाराज का सम्मान मुद्दा बना।
- कर्नाटक मेट्रो स्टेशन का नाम बदलने का विवाद।
- राजनीति में भावनाओं का खेल।
- विपक्षी दलों की प्रतिक्रियाएँ।
मुंबई, १३ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। कर्नाटक मेट्रो स्टेशन के नाम बदलने को लेकर विवाद के बीच, महाराष्ट्र सरकार के मंत्री और भाजपा नेता नितेश राणे ने कांग्रेस पर आक्षेप किया है। उन्होंने कांग्रेस को औरंगजेब से जोड़ते हुए कहा कि ये लोग कभी भी छत्रपति शिवाजी महाराज का सम्मान नहीं करेंगे।
राणे ने कहा, "ये सिर्फ उनका अपमान करेंगे और हमेशा द्वेष की भावना रखते हैं। कांग्रेस से आप उम्मीद ही क्या कर सकते हैं? इस मानसिकता का हम जैसे लोग कड़ा विरोध करेंगे।"
ज्ञातव्य है कि ८ सितंबर को सेंट मैरी बेसिलिका में सिद्धारमैया ने वादा किया था कि शिवाजीनगर के मेट्रो स्टेशन का नाम सेंट मैरी के नाम पर रखा जाएगा। उनका यह बयान शिवाजीनगर के विधायक रिजवान अरशद और बेंगलुरु के आर्कबिशप पीटर मचाडो द्वारा रखे गए प्रस्ताव के जवाब में आया था।
वहीं, भारत-पाकिस्तान एशिया कप मैच को लेकर शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए नितेश राणे ने कहा, "क्या सामना और उद्धव ठाकरे को भारत-पाक मैच पर बोलने का कोई नैतिक अधिकार है? जब उद्धव ठाकरे पहली बार मुंबई और महाराष्ट्र से सांसद बने थे, तब उनकी विजय रैली में 'पाकिस्तान जिंदाबाद' के नारे लगे थे। उस समय, उनके मन में पाकिस्तान के प्रति कोई गुस्सा नहीं था, लेकिन अब अचानक वे देशभक्ति से भर गए हैं?"
राणे ने आरोप लगाया कि राजनीतिक लाभ के लिए राष्ट्रवाद का मुखौटा ओढ़ा जा रहा है, लेकिन पुराने कर्म और बयान उनके असली चेहरे को उजागर कर देते हैं।
राणे ने कहा, "वही आदित्य ठाकरे बुर्का पहनकर भारत-पाकिस्तान मैच छुपकर देखेंगे और उनकी आवाज से उन्हें पहचान भी नहीं मिलेगी।"
इन बयानों ने राजनीतिक हलचल पैदा कर दी है। भाजपा समर्थक उनके बयानों का समर्थन कर रहे हैं, वहीं विपक्ष ने इसे घृणित और गैर-जिम्मेदाराना बताया है।
फिलहाल, नितेश राणे के बयानों पर कांग्रेस और ठाकरे गुट की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।