क्या नर्स निमिषा प्रिया की फांसी रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट में आज होगी सुनवाई?

सारांश
Key Takeaways
- सुप्रीम कोर्ट आज निमिषा प्रिया के मामले की सुनवाई करेगा।
- निमिषा को यमन में हत्या के आरोप में फांसी की सजा दी गई है।
- मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने प्रधानमंत्री से राजनयिक हस्तक्षेप की मांग की है।
नई दिल्ली, 14 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। यमन में हत्या के आरोपों के तहत सजा काट रही नर्स निमिषा प्रिया के मामले में दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट आज सुनवाई करेगा। इस याचिका में केंद्र सरकार से अनुरोध किया गया है कि वह निमिषा को बचाने के लिए राजनयिक हस्तक्षेप करें।
जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ इस मामले की सुनवाई करेगी। यह याचिका सेव निमिषा प्रिया इंटरनेशनल एक्शन काउंसिल नामक संगठन द्वारा दायर की गई है। निमिषा 2008 से यमन में निवास कर रही है।
निमिषा को हत्या के मामले में फांसी की सजा दी गई है, और उसे 16 जुलाई को फांसी दी जानी है। इससे पहले, निमिषा के परिवार ने केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन और केंद्र सरकार से मदद की गुहार लगाई है। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर निमिषा की फांसी रोकने के लिए राजनयिक हस्तक्षेप की मांग की है।
विदेश मंत्रालय ने कहा है कि निमिषा के परिवार को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए हम प्रयासरत हैं।
यमन की अदालत के दस्तावेजों में आरोप लगाया गया है कि नर्स निमिषा प्रिया ने अपने बिजनेस पार्टनर तलाल अब्दो मेहदी की हत्या कर दी थी। आरोप है कि उसने अपने एक अन्य नर्स की मदद से उसके शव के टुकड़े करके टैंक में फेंक दिए थे।
हालांकि, निमिषा के परिवार ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि उसने हत्या नहीं की, बल्कि निमिषा ने कथित तौर पर अपना जब्त पासपोर्ट प्राप्त करने के लिए उसे बेहोशी का इंजेक्शन दिया था, जिससे ओवरडोज के कारण उसकी मृत्यु हो गई।
निमिषा ने यमन की सर्वोच्च अदालत में फांसी की सजा के खिलाफ याचिका दायर की थी, लेकिन वह खारिज कर दी गई। उन्होंने यमन के राष्ट्रपति से दया की अपील भी की थी, पर यह भी अस्वीकृत हो गई।