क्या केन्या के ऐतिहासिक राम मंदिर में दीपावली का आयोजन महत्वपूर्ण है?
सारांश
Key Takeaways
- दीपावली को यूनेस्को ने अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर के रूप में मान्यता दी।
- केन्या में स्थित श्री राम मंदिर भारत और केन्या के सांस्कृतिक संबंधों का प्रतीक है।
- कीर्ति वर्धन सिंह ने इस आयोजन में भाग लिया।
- भारत की सांस्कृतिक पहचान को वैश्विक स्तर पर मान्यता मिल रही है।
- यूनाइटेड नेशंस एनवायरनमेंट असेंबली में भी भारतीय भागीदारी महत्वपूर्ण है।
नैरोबी, 11 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। यूनेस्को ने दीपावली के इस पर्व को अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर की सूची में शामिल किया है। इस अवसर पर केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने केन्या के ऐतिहासिक श्री राम मंदिर में आयोजित समारोह में भाग लिया।
एमओएस सिंह ने गुरुवार (भारतीय समयानुसार) को एक्स पर पोस्ट किया, "दीपावली को यूनेस्को द्वारा एक अमूर्त सांस्कृतिक विरासत के रूप में मान्यता दिए जाने के मौके पर ऐतिहासिक श्री राम मंदिर में समारोह में भाग लेकर धन्य महसूस कर रहा हूं। केन्या में 1919 में बना प्रभु श्री राम का मंदिर, भारत के सांस्कृतिक गौरव और हमारे दोनों देशों के बीच साझा ऐतिहासिक संबंधों का सबूत है।"
इसे भारतीय सांस्कृतिक विरासत के लिए गर्व का पल बताते हुए, एमओएस ने आगे कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में, यह मील का पत्थर वास्तव में भारत की हमेशा रहने वाली परंपराओं और शांति और सद्भाव के सार्वभौमिक संदेश की वैश्विक सराहना को दर्शाता है।"
कीर्ति वर्धन सिंह 8-12 दिसंबर तक होने वाले यूनाइटेड नेशंस एनवायरनमेंट असेंबली (यूएनईए) के सातवें सम्मेलन में शामिल होने के लिए केन्या में हैं। इस बीच, एमओएस ने यूएनईए के सातवें सेशन के दौरान नॉर्वे के जलवायु और पर्यावरण मंत्री एंड्रियास बिजेलैंड एरिक्सन के साथ एक मीटिंग की। इस मीटिंग के दौरान एक साफ, हरे-भरे भविष्य के लिए भारत-नॉर्वे साझेदारी को मजबूत करने की उम्मीद जताई।
यूनेस्को ने भारत को बधाई देते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा था, "अमूर्त धरोहर की लिस्ट में नया नामः दीपावली, भारत। बधाई हो।"
वहीं, विदेश मंत्रालय ने एक्स पर लिखा, "यह एक खुशी का पल है। रोशनी का त्योहार दीपावली, जो बुराई पर अच्छाई की जीत और भगवान राम के अपने राज्य अयोध्या लौटने का प्रतीक है, जिसे दुनिया भर में मनाया जाता है, उसे यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर की लिस्ट में जोड़ा गया है।"
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, "यूनेस्को की मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत में 'दीपावली' का नाम शामिल होने के बारे में जानकर खुशी हुई। यह त्योहार के बहुत ज्यादा सांस्कृतिक, धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व और लोगों को एक साथ लाने में इसकी भूमिका को पहचान देता है।"