क्या राकेश बेदी ने 'धुरंधर' में अपने किरदार पर खास बातें साझा की हैं?
सारांश
Key Takeaways
- राकेश बेदी ने एक गंभीर किरदार निभाया है।
- किरदार असली घटनाओं से प्रेरित है।
- अभिनय के लिए सहजता जरूरी है।
- क्लासिक कॉमेडी फिल्मों का उल्लेख किया गया है।
- थिएटर ने उन्हें विभिन्न किरदार निभाने की आजादी दी है।
मुंबई, 11 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। फिल्म 'धुरंधर' जो आदित्य धर द्वारा निर्देशित और निर्मित है, का प्रभाव हर जगह महसूस किया जा रहा है। इस फिल्म में मुख्य भूमिका निभाने वाले कलाकारों की सराहना की जा रही है, लेकिन कुछ ऐसे किरदार भी हैं जो न केवल लीड रोल में हैं, बल्कि पूरी कहानी को बुनने में महत्वपूर्ण हैं।
फिल्म में राकेश बेदी ने एक ऐसा किरदार निभाया है जो मजेदार और खतरनाक दोनों है। उन्होंने फिल्म में जमील जमाली, एक पाकिस्तानी नेता का रोल अदा किया है। उन्होंने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में अपने किरदार की चुनौतियों और फिल्म के अनुभव साझा किए।
राकेश बेदी ने बताया कि उनका किरदार वास्तविक घटनाओं से प्रेरित है और इसे कई पाकिस्तानी नेताओं की विशेषताओं को मिलाकर बनाया गया है। मैंने इस किरदार को पूरी तरह अपनाने के लिए विभिन्न नेताओं की स्पीच, आवाज, बोलने का तरीका और बॉडी लैंग्वेज का अध्ययन किया।
अपने किरदार की चुनौतियों के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि असली चुनौती शूटिंग के दौरान सीन करने में होती है। किसी भी सीन को सही से करने के लिए सबसे पहले सहज होना आवश्यक है।
कॉमेडी के लिए जाने जाने वाले राकेश बेदी ने कहा कि पहले की क्लासिक कॉमेडी फिल्मों जैसे 'चुपके चुपके', 'चश्मे बद्दूर', 'चलती का नाम गाड़ी', और 'पड़ोसन' को देखते हुए, ये सभी सच्ची कॉमेडी फिल्में थीं जो किसी एक कॉमेडियन पर निर्भर नहीं थीं। हर किरदार में ह्यूमर था। हमारे देश में हर दशक में औसतन एक प्योर कॉमेडी फिल्म बनती है। आजकल, 'भाभी जी घर पर हैं' और 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' जैसे सीरियल प्राकृतिक ह्यूमर को बनाए रखते हैं। संयोग से, मैं दोनों का हिस्सा रहा हूँ।
अपने करियर के बारे में बात करते हुए राकेश बेदी ने कहा कि उन्हें हमेशा लगता है कि उन्होंने अभी तक बहुत कुछ नहीं किया है। अगर कोई सोचने लगे कि उसने सब कुछ हासिल कर लिया है, तो वह उसी समय ठहर जाता है। एक अभिनेता तभी अपने सफर का मजा लेता है जब उसे लगता है कि अभी बहुत कुछ करना बाकी है।
राकेश बेदी ने कहा कि उन्होंने अब तक पर्दे पर मजेदार किरदार निभाए हैं। पहली बार 'धुरंधर' में गंभीर भूमिका निभाने पर उन्होंने कहा कि मेरे लिए यह मुश्किल नहीं है क्योंकि मैंने असल जिंदगी में ऐसे लोगों को देखा है। थिएटर ने मुझे विभिन्न प्रकार के किरदार निभाने की आजादी दी है, जिनमें नकारात्मक किरदार भी शामिल हैं। इसलिए यह भूमिका उनके लिए कोई बड़ी चुनौती नहीं थी।