क्या पायलट बनना अब आसान होगा? डीजीसीए कराएगा आरटीआर एग्जाम

सारांश
Key Takeaways
- आरटीआर परीक्षा का अधिकार अब डीजीसीए के पास है।
- यह बदलाव पायलट बनने की प्रक्रिया को सरल बनाएगा।
- एकल-खिड़की प्रणाली से पायलटों को सुविधा मिलेगी।
- नई प्रक्रिया से युवाओं को आकर्षित करने का अवसर।
- कमर्शियल पायलट लाइसेंस के लिए आरटीआर परीक्षा अनिवार्य है।
नई दिल्ली, 26 जून (राष्ट्र प्रेस)। अब देश में पायलट बनना पहले की तुलना में अधिक सरल होगा, क्योंकि सरकार ने भारत में पायलटों के लिए व्यापार करने में सरलता और उड़ान भरने में सुगमता को बढ़ावा देते हुए, भारतीय वायुयान अधिनियम के तहत आरटीआर परीक्षा आयोजित करने का अधिकार नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) को दे दिया है।
पहले रेडियो टेलीफोन रिस्ट्रिक्टेड (आरटीआर) परीक्षा का अधिकार दूरसंचार विभाग के पास था।
केंद्रीय नागर विमानन मंत्री राम मोहन नायडू ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर पोस्ट किया, "भारत के नागरिक उड्डयन पारिस्थितिकी तंत्र के आधुनिकीकरण के लिए ऐतिहासिक अधिनियम 'भारतीय वायुयान अधिनियम' 1 जनवरी 2025 को लागू हुआ था।"
भारत में पायलटों के लिए व्यापार करने में आसानी और उड़ान भरने में सुगमता को बढ़ावा देते हुए, अधिनियम के परिवर्तनकारी प्रावधान डीजीसीए को आरटीआर परीक्षा आयोजित करने का अधिकार प्रदान करते हैं, जिसे पहले दूरसंचार विभाग आयोजित करता था।
अब डीजीसीए द्वारा कमर्शियल पायलट लाइसेंस (सीपीएल) और आरटीआर दोनों का जारी किया जाना, इच्छुक पायलटों के लिए दोहरी एजेंसी प्रक्रिया खत्म कर देगा। इस संबंध में नए आरटीआर नियमों को छह महीने के भीतर अधिसूचित किया गया है।
इसके अतिरिक्त, केंद्रीय मंत्री ने कहा, "मेरा मानना है कि यह सुधार प्रमाणन के लिए एकल-खिड़की प्रणाली स्थापित करके पायलटों के लिए प्रक्रियात्मक बाधाओं को काफी कम कर देगा, जिससे विमानन में करियर बनाने के लिए अधिक युवा आकर्षित होंगे।"
दूरसंचार विभाग (डीओटी) के अनुसार, आरटीआर विमानन में एक महत्वपूर्ण परीक्षा है। पायलट, एयर ट्रैफिक कंट्रोलर और वैमानिकी रेडियो ऑपरेटरों के लिए यह आवश्यक है।
अब तक यह परीक्षा दूरसंचार विभाग के वायरलेस प्लानिंग एंड कोऑर्डिनेशन (डब्ल्यूपीसी) विंग द्वारा डीजीसीए के सहयोग से आयोजित की जाती थी।
जानकारी के अनुसार, भारत में कमर्शियल पायलट लाइसेंस या एयरलाइन ट्रांसपोर्ट पायलट लाइसेंस प्राप्त करने के लिए यह अनिवार्य है।