क्या पीएम मोदी की नीतियां जमीनी स्तर पर असरदार हैं और लोगों को आत्मनिर्भर बनाने में मदद कर रही हैं?
सारांश
Key Takeaways
- प्रधानमंत्री मोदी की नीतियां जमीनी स्तर पर प्रभाव डाल रही हैं।
- चोखोने क्रिचेना ने पारंपरिक खेती को आधुनिकता के साथ जोड़ा।
- महिलाओं और युवाओं को सशक्त बनाने की दिशा में सरकार की नीतियां महत्वपूर्ण हैं।
- 'मन की बात' कार्यक्रम छोटे उद्यमियों को प्रेरित करता है।
- उत्तर-पूर्व के विकास के लिए विशेष कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।
इंफाल, २८ दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में मणिपुर के सेनापति जिले की महिला किसान चोखोने क्रिचेना का उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि क्रिचेना ने पारंपरिक खेती के अनुभव को आगे बढ़ाते हुए फूलों की खेती को अपने जुनून में बदल दिया। इसी संदर्भ में चोखोने क्रिचेना ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए कई महत्वपूर्ण सवालों के जवाब दिए।
सवाल: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'मन की बात' कार्यक्रम में मणिपुर जैसे ग्रासरूट चेंजमेकर्स का जिक्र किया। क्या यह दर्शाता है कि उनका विकसित भारत का विजन केवल नीतियों तक सीमित नहीं है, बल्कि जमीनी स्तर पर हो रहे असली बदलावों पर भी ध्यान केंद्रित कर रहा है?
जवाब: हां, निश्चित रूप से। प्रधानमंत्री मोदी की नीतियां वास्तव में जमीनी स्तर पर लोगों के जीवन पर प्रभाव डाल रही हैं। वे हम जैसे उद्यमियों को आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ने में मदद कर रही हैं, जिससे हम अपने समुदायों के विकास में सक्रिय रूप से योगदान दे पा रहे हैं।
सवाल: प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि आपने पारंपरिक खेती को आधुनिक तरीके से मिलाकर फूलों की खेती का एक सफल व्यवसाय कैसे स्थापित किया। ग्रामीण आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में परंपरा और नवाचार का यह मेल कितना महत्वपूर्ण है?
जवाब: हमारा कार्य हमारे क्षेत्र की ज्योغرافी और टोपोग्राफी से जुड़ा हुआ है। फूल जल्दी खराब हो जाते हैं, और समय पर बाजार तक पहुंचना सदैव एक चुनौती रही है। सूखे फूलों के उत्पादों में नवाचार करके हमने बर्बादी कम की है और विशेषकर महिलाओं के लिए रोजगार के मौके बनाए हैं। परंपरा और नवाचार का यह मेल ग्रामीण लोगों की जिंदगी पर सकारात्मक प्रभाव डाल रहा है।
सवाल: क्या यह जमीनी स्तर पर किसानों और महिला उद्यमियों को सशक्त बनाने पर सरकार के ध्यान केंद्रित करने को दर्शाता है?
जवाब: हां, हमारा ध्यान गांव की महिलाओं और युवाओं पर है। सरकारी नीतियों और प्लेटफार्मों ने हमारे लिए पूरे भारत और वैश्विक बाजारों तक पहुंच को सरल बना दिया है। स्टार्टअप और एंटरप्रेन्योरशिप ईकोसिस्टम ने व्यवसाय के विस्तार को आसान बना दिया है, जिससे हम जैसे जमीनी स्तर के उद्यमियों को सच में सहायता मिली है।
सवाल: प्रधानमंत्री मोदी अक्सर आत्मनिर्भरता और सामुदायिक सशक्तिकरण के विषय में बात करते हैं। क्या आपको लगता है कि ये विचार सेनापति जैसे जिलों में किसानों के लिए असली अवसरों में बदल रहे हैं?
जवाब: बिल्कुल, आत्मनिर्भरता और स्थिरता ही भविष्य हैं। उद्यमी के रूप में हम न केवल आत्मनिर्भर बनते हैं, बल्कि दूसरों के लिए रोजगार भी पैदा करते हैं, जिसका सीधा असर ग्रामीण रोजी-रोटी पर पड़ता है और हमारे समुदायों में महिलाओं को सशक्त बनाता है।
सवाल: 'मन की बात' कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा ऐसी सफलता की कहानियों का जिक्र क्या युवाओं, खासकर महिलाओं को आत्मविश्वास के साथ नवाचार, उद्यमिता, और खेती अपनाने के लिए प्रेरित करता है?
जवाब: बिल्कुल, 'मन की बात' एक शक्तिशाली प्लेटफार्म है जो छोटे उद्यमियों और जमीनी स्तर की पहलों को उजागर करता है। युवाओं को अपने दम पर कुछ करने के लिए विचार, आत्मविश्वास और प्रेरणा मिलती है। इन कहानियों को सुनकर कई युवा और महिलाएं पहल करने के लिए प्रेरित होंगी।
सवाल: क्या आप कहेंगी कि प्रधानमंत्री मोदी का विकास का तरीका उत्तर-पूर्व जैसे क्षेत्रों को राष्ट्रीय आर्थिक मुख्यधारा में लाने में मदद कर रहा है?
जवाब: उत्तर-पूर्व पर ध्यान देने वाले कई विशेष कार्यक्रम हैं। हमारे क्षेत्र में बहुत से लोग पहले से ही इन पहलों से लाभान्वित हो रहे हैं, जो क्षेत्र को आर्थिक रूप से ऊपर उठाने और सशक्त बनाने में सहायक हैं। हम उत्तर-पूर्व के लिए विशेष रूप से बनाए गए अवसरों के लिए आभारी हैं।
बता दें कि इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में कहा, "मणिपुर से ही सेनापति जिले का एक और उदाहरण है। वहां चोखोने क्रिचेना जी रहती हैं, और उनका पूरा परिवार पारंपरिक खेती से जुड़ा हुआ है। क्रिचेना ने इस पारंपरिक अनुभव को आगे बढ़ाया और फूलों की खेती को अपना जुनून बना लिया। आज, इस कार्य के माध्यम से वह विभिन्न बाजारों से जुड़ रही हैं और अपने इलाके के स्थानीय समुदायों को भी सशक्त बना रही हैं।