क्या पंजाब सरकार गैंगस्टर के इशारों पर काम कर रही है? : अश्विनी शर्मा
सारांश
Key Takeaways
- पंजाब में गुंडों का राज है।
- कानून-व्यवस्था की स्थिति चिंताजनक है।
- सरकार की कार्रवाई में कमी है।
- आम जनता असुरक्षित महसूस कर रही है।
- व्यापारी की हत्या से अपराधियों का मनोबल बढ़ा है।
चंडीगढ़, 22 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय जनता पार्टी के पंजाब इकाई के प्रदेश अध्यक्ष अश्विनी शर्मा ने शनिवार को राज्य की कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि पंजाब में कोई सरकार नहीं, बल्कि गुंडों का राज है, जिससे आम जनता का जीना मुश्किल हो गया है।
उन्होंने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि भगवंत मान के शासन में अपराधियों का मनोबल बढ़ गया है। अपराधियों को कानून-व्यवस्था का कोई डर नहीं रह गया है। वे बिना किसी रोक-टोक के अपने नापाक इरादों को अंजाम दे रहे हैं।
प्रदेश अध्यक्ष अश्विनी शर्मा ने बताया कि भगवंत मान के पिछले चार वर्षों में एक भी दिन ऐसा नहीं गया होगा जब कोई आपराधिक घटना न हुई हो। इससे स्पष्ट होता है कि राज्य में गुंडों का राज हो गया है, जिसे अब किसी भी कीमत पर सहन नहीं किया जा सकता।
भाजपा नेता ने पंजाब के बाटला में व्यापारी की हत्या का उल्लेख करते हुए कहा कि इन घटनाओं से यह स्पष्ट होता है कि राज्य सरकार गैंगस्टरों के इशारों पर काम कर रही है। इन्हें प्रदेश की जनता की कोई परवाह नहीं है।
अगर ऐसा होता तो वे आपराधिक घटनाओं में शामिल आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते, लेकिन सरकार का मौजूदा रुख यह दर्शाता है कि वे अपराधियों के खिलाफ कोई कार्रवाई करने के मूड में नहीं हैं।
उन्होंने पंजाब सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह सरकार केवल झूठे वादे करती है और विज्ञापनों के जरिए जनता को गुमराह करती है। अब लोग इनके काले कारनामों से अवगत हो रहे हैं। पंजाब एक सीमावर्ती राज्य है, और दुर्भाग्य से यहां के लोग भी सुरक्षित नहीं हैं। यदि लोग ही सुरक्षित नहीं हैं, तो क्या यहां विकास की कल्पना की जा सकती है?
प्रदेश अध्यक्ष अश्विनी शर्मा ने कहा कि पंजाब सरकार केवल अखबारों में बयान देकर गायब हो जाती है। यह सरकार जनता की मूलभूत आवश्यकताओं पर ध्यान नहीं दे रही है, जिससे कानून-व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। प्रदेश की जनता इस सरकार से बिल्कुल भी खुश नहीं है और अब पछता रही है कि उन्होंने इस सरकार को प्रदेश की कमान सौंपी।