क्या बिहार में हार के डर से राहुल गांधी माहौल बना रहे हैं? : भूपेंद्र चौधरी
सारांश
Key Takeaways
- राहुल गांधी ने 'वोट चोरी' का मुद्दा उठाया है।
- भूपेंद्र चौधरी का आरोप है कि राहुल बिहार चुनाव में हार के डर से माहौल बना रहे हैं।
- भाजपा 'वंदे मातरम' का 150 वर्ष पूर्ण होने पर महोत्सव मनाएगी।
- यह गीत राष्ट्रवाद और स्वदेशी भावना का प्रतीक है।
- 7 नवंबर को सामूहिक 'वंदे मातरम्' गायन का आयोजन होगा।
लखनऊ, 5 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि उन्हें बिहार चुनाव में अपनी हार का आभास हो गया है, इसलिए वे पहले से ही माहौल बनाने में जुटे हैं।
भूपेंद्र चौधरी ने बुधवार को लखनऊ स्थित भाजपा मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि चुनाव में मतदान होना बाकी है, लेकिन राहुल गांधी को अपनी हार का अंदेशा हो गया है। इसलिए वे पहले से ही नकारात्मक आरोप लगाकर चुनावी माहौल को बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा कि राहुल गांधी अब चुनाव आयोग पर भी आरोप लगाने लगे हैं। उन्होंने बिहार में वोटर अधिकार यात्रा निकाली, लेकिन अब उस पर चर्चा नहीं कर रहे हैं। वे मतदान से पहले ही हार का बहाना तलाशने में लगे हैं। दरअसल, राहुल गांधी ने हाल ही में 'वोट चोरी' के मुद्दे पर प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक प्रेजेंटेशन पेश किया।
उन्होंने यह भी कहा कि यह केवल एक सीट का मामला नहीं है, बल्कि पूरे राज्यों में वोट चोरी की एक बड़ी साजिश है। राहुल गांधी ने दावा किया कि हरियाणा में पोस्टल बैलट और असली वोटों के रुझान में बड़ा अंतर देखने को मिला है।
भूपेंद्र चौधरी ने बताया कि राष्ट्रगीत 'वंदे मातरम' के 150 वर्ष पूर्ण होने पर भाजपा राष्ट्रव्यापी महोत्सव आयोजित करेगी। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश भाजपा भी इस अवसर पर विभिन्न कार्यक्रमों की श्रृंखला आयोजित करेगी।
उन्होंने कहा कि 'वंदे मातरम' हमारे लिए केवल एक गीत नहीं, बल्कि राष्ट्रवाद, एकता और स्वदेशी भावना का प्रतीक है। स्वदेशी आंदोलन का प्रणेता यही राष्ट्रगीत रहा है, जिसने देश को स्वतंत्रता संग्राम के लिए प्रेरित किया।
भूपेंद्र चौधरी ने बताया कि 'वंदे मातरम्' का सृजन वर्ष 1875 में बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय द्वारा किया गया था और इसका प्रथम वाचन वर्ष 1896 में रवीन्द्रनाथ टैगोर ने कोलकाता में किया था। वर्ष 1950 में डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने इसे राष्ट्रगीत का दर्जा प्रदान किया। स्वतंत्रता संग्राम के दौरान यह गीत राष्ट्रवाद, एकता और ब्रिटिश शासन के विरुद्ध प्रतिरोध का प्रतीक बना।
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने 1 अक्टूबर 2025 को 'वंदे मातरम्' के 150 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में राष्ट्रव्यापी उत्सव मनाने का निर्णय लिया है। स्वतंत्रता संग्राम में इस गीत की महत्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी ने भी इस अवसर पर विविध कार्यक्रमों की श्रृंखला शुरू करने का निर्णय लिया है।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रगीत के 150 वर्ष पूर्ण होने पर 7 नवंबर को उत्तर प्रदेश के 18 स्थानों पर 150 कार्यकर्ताओं द्वारा सामूहिक 'वंदे मातरम्' गायन एवं सभा का आयोजन किया जाएगा। इसके साथ ही 8 से 15 नवंबर तक सभी जिला मुख्यालयों पर सामूहिक गायन एवं सभाओं का आयोजन होगा।