क्या छठ पूजा का अपमान राहुल गांधी के लिए भारी पड़ेगा?
सारांश
Key Takeaways
- राहुल गांधी का बयान छठ पूजा पर विवाद पैदा कर रहा है।
- मनोज तिवारी ने इसे अपमानजनक बताया है।
- बिहार में छठ पूजा की गहरी आस्था है।
- राजनीतिक बयानबाजी से समाज में तनाव बढ़ सकता है।
- धर्म और राजनीति का मिश्रण हमेशा विवादित होता है।
पटना, 30 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और छठ पूजा को लेकर की गई टिप्पणी पर भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने कड़ा ऐतराज जताया।
तिवारी ने कहा कि राहुल गांधी ने छठ पूजा और इसमें शामिल होने वाले लोगों का अपमान किया है, जिसे बिहार की जनता कभी माफ नहीं करेगी।
पटना में मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि छठ माता और छठ पूजा में भाग लेने वाले श्रद्धालुओं का अपमान करने के लिए बिहार की जनता राहुल गांधी और उनके गठबंधन को माफ नहीं करेगी। तिवारी ने कहा कि अगर आप छठ का सम्मान नहीं करना चाहते या सनातन परंपराओं का अपमान करना चाहते हैं, तो यह आपकी इच्छा है। लेकिन छठ के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ खड़े होने की भावना को 'नाटक' कहना उन लाखों लोगों का अपमान है जो छठ का प्रसाद खाने, छठ अनुष्ठानों का सम्मान करने और सूर्य देव को अर्घ्य देने के लिए घाटों पर जाते हैं।
उन्होंने कहा कि बिहार में छठ पूजा को लेकर लोगों की गहरी आस्था है।
एसआईआर के दूसरे चरण को लेकर विपक्षी नेताओं की बयानबाजी पर उन्होंने कहा कि ये लोग घुसपैठियों को वोटर लिस्ट में बनाए रखना चाहते हैं, इसीलिए कुछ न कुछ कह रहे हैं। जो लोग चुनाव आयोग के खिलाफ बोल रहे हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
राजद नेता तेजस्वी यादव के एक बयान पर भाजपा सांसद ने कहा कि सरकार का यह निर्णय आचार संहिता लागू होने से पहले बिहार सरकार द्वारा उठाया गया कदम है। आगे हमारी सरकार बनेगी तो हम महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाएंगे। एनडीए की सरकार में विकास हो रहा है, जिन्हें दर्द हो रहा है, वे अपने शासनकाल को याद करें।
राजद के टिकट पर चुनाव लड़ रहे खेसारी लाल यादव के बयान पर मनोज तिवारी ने कहा कि हमने कभी उन्हें गंदा नहीं कहा है। वे जहां भी गए हैं खुश रहें। लेकिन, राम मंदिर का अपमान नहीं करना चाहिए। भगवान राम का सम्मान करें।