क्या राहुल गांधी के आरोपों का कोई आधार है? केसी त्यागी का सवाल

सारांश
Key Takeaways
- संवैधानिक संस्थाओं पर आरोप लगाना उचित नहीं है।
- वोट चोरी का आरोप लोकतंत्र के लिए हानिकारक हो सकता है।
- सीट बंटवारे में जदयू और भाजपा के बीच कोई मतभेद नहीं है।
- राजनीतिक विवादों को सुलझाना आवश्यक है।
- सरकारों का गठन वोट चोरी से नहीं हुआ है।
नई दिल्ली, 18 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। जनता दल (यूनाइटेड) के प्रमुख नेता केसी त्यागी ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के 'वोट चोरी' पर टिप्पणी करते हुए कड़ा जवाब दिया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को संवैधानिक संस्थाओं पर बार-बार वोट चोरी का आरोप लगाना उचित नहीं है।
त्यागी ने राहुल के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि मैं वोट चोरी शब्द का समर्थन नहीं करता। यदि वोट चोरी ही चुनावी जीत का आधार होती, तो विपक्षी दलों की कई सरकारें कैसे बनीं?
त्यागी ने चुनाव आयोग जैसे संवैधानिक संस्थानों पर बिना सबूत आरोप लगाने की निंदा की। जदयू नेता ने कहा कि पारदर्शिता से उत्तर देना आवश्यक है, लेकिन इस तरह की भाषा का प्रयोग अनुचित है।
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की सरकार है और हिमाचल, कर्नाटक और तेलंगाना में कांग्रेस की सरकार है, तो क्या वे भी वोट चोरी से बनी हैं?
जदयू नेता ने पूछा कि राहुल गांधी बताएं कि लोकसभा में उनके करीब 100 सांसद कैसे जीतकर आए, क्या वे भी वोट चोरी से आए हैं। संवैधानिक संस्थाओं पर ऐसे गंभीर आरोप लगाना उचित नहीं है। उन्होंने इसे लोकतंत्र के लिए हानिकारक बताया।
'बिहार अधिकार यात्रा' पर जदयू नेता ने कहा कि तेजस्वी यादव को पहले राजद और कांग्रेस के बीच मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर चल रहे विवाद को सुलझा लेना चाहिए। दोनों ओर से कई सवाल उठ रहे हैं, जब इन सवालों के जवाब मिल जाएं, तब अधिकार यात्रा का आयोजन करना बेहतर होगा।
सीट शेयरिंग के संदर्भ में, जदयू नेता ने कहा कि भाजपा और जदयू के बीच सीट बंटवारे को लेकर कोई विवाद नहीं है। उन्होंने कहा कि यह गठबंधन पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और जॉर्ज फर्नांडिस के समय से मजबूत बना हुआ है।
उन्होंने कहा कि जदयू के प्रति भाजपा का रवैया हमेशा उदार रहा है और कई बार संख्या कम होने के बावजूद नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री पद सौंपा गया है। बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एनडीए का चेहरा हैं। उन्होंने आश्वासन दिया है कि सीट बंटवारे को लेकर एनडीए में किसी भी प्रकार का मतभेद नहीं है।