क्या लखनऊ एमपी-एमएलए कोर्ट में राहुल गांधी के खिलाफ मामला दर्ज हुआ है? 1 अक्टूबर को सुनवाई

सारांश
Key Takeaways
- राहुल गांधी पर राष्ट्रद्रोह का आरोप है।
- 1 अक्टूबर को होगी अगली सुनवाई।
- मामला राजनीतिक विवादों का हिस्सा है।
- कानूनी प्रक्रिया में कई प्रमुख नेता भी शामिल हैं।
- भारत की संवैधानिक संस्थाओं पर सीधा हमला।
लखनऊ, 20 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी एक बार फिर से कानूनी विवादों में फंस गए हैं। लखनऊ की एमपी-एमएलए विशेष अदालत में उनके खिलाफ राष्ट्रद्रोह और षड्यंत्र के आरोपों से संबंधित एक परिवाद दायर किया गया है।
यह मामला उस बयान से जुड़ा है, जो राहुल गांधी ने 15 जनवरी 2025 को नई दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय के उद्घाटन पर दिया था। उस समय उन्होंने कहा था, "हम अब भाजपा, आरएसएस और भारतीय गणराज्य से लड़ रहे हैं।"
इस बयान पर लखनऊ के सिविल कोर्ट के वकील नृपेंद्र पांडेय ने आपत्ति जताई है और अदालत में परिवाद दायर किया। इस मामले की अगली सुनवाई 1 अक्टूबर को निर्धारित की गई है।
परिवाद में वकील ने आरोप लगाया है कि राहुल गांधी का यह बयान राष्ट्रविरोधी है और यह भारत की संवैधानिक संस्थाओं पर सीधा हमला है। उनका कहना है कि यह बयान सोच-समझकर और संभवतः विदेशी ताकतों के इशारे पर दिया गया ताकि देश में गृह युद्ध जैसी स्थिति पैदा की जा सके।
वकील ने इसे देश तोड़ने की साजिश बताते हुए कहा है कि राहुल गांधी ने अपने बयान से न केवल भाजपा और आरएसएस पर निशाना साधा, बल्कि भारत के गणराज्य को भी लक्षित किया है।
इस गंभीर आरोप को लेकर एमपी/एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश आलोक वर्मा ने परिवाद स्वीकार कर लिया है। न्यायालय से राहुल गांधी समेत कई अन्य कांग्रेस के प्रमुख नेताओं को भी इस मामले में तलब किया गया है, ताकि भारतीय न्याय संहिता 2023 के तहत दंडित किया जा सके।
इस संबंध में वकील नृपेंद्र पांडेय ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "राहुल गांधी ने कांग्रेस मुख्यालय के उद्घाटन पर जानबूझकर यह कहा कि हम अब भाजपा, आरएसएस और भारतीय गणराज्य से लड़ रहे हैं। इस कथन से स्पष्ट है कि वे अब राजनीतिक दलों से नहीं, बल्कि भारत के संविधान और संवैधानिक संस्थाओं से लड़ाई का ऐलान कर रहे हैं।"
उन्होंने आगे कहा, "राहुल गांधी कई महीनों से यह माहौल बना रहे हैं कि देश की लोकतांत्रिक संस्थाएं भ्रष्ट हैं, चुनाव प्रक्रिया में धोखा हो रहा है और लोकतंत्र खत्म हो चुका है। राहुल गांधी ने देश के युवाओं से अपील की है कि भारत के लोकतंत्र को बचाना होगा, जो संकेत देता है कि वह नेपाल जैसी स्थिति भारत में पैदा करना चाहते हैं।"
इस केस में अब अगली सुनवाई 1 अक्टूबर को होगी। राहुल गांधी पहले भी कई बार अपने बयानों को लेकर विवादों में रहे हैं, लेकिन इस बार मामला राष्ट्रद्रोह जैसे गंभीर आरोपों तक पहुंच चुका है।