क्या राहुल गांधी को सलाहकार बदलने की आवश्यकता है? हरीश रावत का मत
सारांश
Key Takeaways
- राहुल गांधी की मेहनत प्रशंसनीय है।
- सरकार के समक्ष राहुल का साहस महत्वपूर्ण है।
- नक्सलवाद का खात्मा एक राष्ट्रीय संकल्प है।
- हरीश रावत का मानना है कि सलाहकारों की गुणवत्ता महत्वपूर्ण है।
- महात्मा गांधी की विचारधारा आज भी प्रासंगिक है।
देहरादून, 23 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने कहा है कि राहुल गांधी प्रधानमंत्री पद के लिए उचित उम्मीदवार हैं। उन्होंने यह भी कहा कि वह जितनी मेहनत कर रहे हैं, वैसी मेहनत उन्होंने किसी अन्य राजनेता में नहीं देखी है।
देहरादून में राष्ट्र प्रेस से बातचीत में हरीश रावत ने बताया कि वर्तमान में वह अपनी मेहनत के कारण पूरे सरकार को प्रभावित कर रहे हैं। सरकार के पास सभी संसाधन हैं, लेकिन राहुल गांधी अकेले ही कुशलता से उनका मुकाबला कर रहे हैं।
उत्तराखंड के आगामी चुनावों पर हरीश रावत ने कहा कि कांग्रेस मेरे नाम पर चुनाव नहीं लड़ेगी। हम अपनी पार्टी के नाम से चुनाव लड़ेंगे और अपने योजना के अनुसार कार्य करेंगे।
क्या राहुल गांधी को अपने सलाहकार बदलने की आवश्यकता है? इस पर उन्होंने कहा कि सलाहकार वही बनते हैं जो योग्य होते हैं। इस पर वह कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते। सलाहकारों की बातों को राहुल गांधी जितनी मान्यता देते हैं, उतनी ही मान्यता देनी चाहिए। इससे पार्टी और व्यवस्था का संचालन होता है।
नक्सलवाद पर हरीश रावत ने कहा कि लोकतंत्र में हिंसा के लिए कोई स्थान नहीं है। हमारे नेताओं ने गढ़चिरौली से लेकर सुकमा तक नक्सलियों के हमले का सामना किया है। नक्सलवाद का खात्मा हमारे लिए एक राष्ट्रीय संकल्प है।
संस्कृत पर एमके स्टालिन के बयान पर हरीश रावत ने कहा कि उन्होंने बयान नहीं सुना है, लेकिन वह मानवता की भाषा को समझते हैं। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी इस देश की आत्मा हैं।