क्या राहुल गांधी चुनाव आयोग पर नहीं, बल्कि संविधान पर आरोप लगा रहे हैं? - हेमंत खंडेलवाल

सारांश
Key Takeaways
- राहुल गांधी के आरोप संविधान पर सवाल उठाते हैं।
- चुनाव आयोग एक स्वतंत्र संस्था है।
- हर नेता को वोट का सम्मान करना चाहिए।
- भाजपा का दृष्टिकोण स्पष्ट है।
- मतदाता सूची में गड़बड़ी का मुद्दा गंभीर है।
बैतूल, १३ अगस्त (राष्ट्र प्रेस) लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी द्वारा चुनाव आयोग पर लगाए जा रहे आरोपों को मध्य प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी इकाई के अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल ने संविधान पर आरोप लगाने जैसा बताया है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मतदाता सूची में गड़बड़ी और 'वोट चोरी' के आरोप लगाए हैं, साथ ही चुनाव आयोग की भूमिका पर भी सवाल उठाए हैं। इस पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल का कहना है कि न्यायालय और देश का चुनाव आयोग दोनों स्वतंत्र संस्थाएं हैं। इन पर आरोप लगाना, देश के संविधान पर आरोप लगाने जैसा है और यह हमारे प्रजातंत्र पर हमला है।
उन्होंने कहा कि इस देश के लाखों करोड़ों लोगों ने जिस भी दल को वोट दिया हो, चाहे वह भाजपा हो या कांग्रेस, उसका सम्मान करना हर नेता और हर जनप्रतिनिधि की जिम्मेदारी है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष खंडेलवाल ने यह भी कहा कि राहुल गांधी द्वारा लगाए गए आरोप चिंता का विषय हैं, न केवल उनके लिए बल्कि पूरे देश के लिए। यह कांग्रेस के लिए भी चिंताजनक है कि उनका नेता इस तरह की मानसिकता का परिचय क्यों दे रहा है?
चुनाव आयोग और अन्य संस्थाओं पर गांधी परिवार के आरोपों के संदर्भ में खंडेलवाल ने कहा कि राहुल, प्रियंका और सोनिया क्या करते हैं, इससे देश को कोई लेना-देना नहीं है। एक ओर जहाँ विपक्षी दल और कांग्रेस मिलकर मतदाता सूची पर सवाल उठा रहे हैं, वहीं कई राज्यों में वोट चोरी होने के आरोप भी लग रहे हैं।
मध्य प्रदेश में भी कांग्रेस नेता राज्य सरकार से लेकर भाजपा और चुनाव आयोग को घेरने में लगे हुए हैं।
एसएनपी/डीएससी