क्या राहुल गांधी एसआईआर का समर्थन करेंगे, इससे उनके लिए बेहतर होगा? - नरेंद्र कश्यप
सारांश
Key Takeaways
- दिव्यांग पुनर्वास केंद्र सभी १८ मंडलों में खोले जाएंगे।
- राहुल गांधी को एसआईआर का समर्थन करना चाहिए।
- चुनाव में पारदर्शिता लाने के लिए फर्जी मतदाताओं की पहचान की जा रही है।
- उत्तर प्रदेश की कैबिनेट जनता के हितों के प्रति संवेदनशील है।
- प्रधानमंत्री मोदी की अंतरराष्ट्रीय प्रासंगिकता बढ़ रही है।
लखनऊ, २ दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री नरेंद्र कश्यप ने मंगलवार को कहा कि उनके विभाग ने एक प्रस्ताव प्रस्तुत किया था, जिसके तहत राज्य के सभी १८ मंडलों में जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्र (डीडीआरसी) स्थापित करने की योजना बनाई गई है।
उन्होंने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि कैबिनेट ने इस प्रस्ताव पर खुशी-खुशी सहमति जताई और सभी ने यह इच्छा व्यक्त की कि उत्तर प्रदेश के दिव्यांगजनों को बेहतरीन सुविधाएं उपलब्ध कराकर उनकी दिव्यांगता को कम करने का प्रयास करेंगे।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की कैबिनेट बैठक में राज्य की जनता से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हो रही है। इस बैठक का सिलसिला जारी रहेगा। बैठक में जनता के हितों के साथ किसी भी तरह का समझौता स्वीकार नहीं किया जाएगा। हमारी सरकार हमेशा प्रदेश की जनता के हितों को प्राथमिकता देती रही है और आगे भी देती रहेगी।
उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री ने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी समेत विपक्ष के अन्य नेताओं के लिए यह अच्छा रहेगा कि वे मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) में सहयोग करें। इसका विरोध न करें। एसआईआर प्रक्रिया के अंतर्गत फर्जी मतदाताओं को चिन्हित किया जा रहा है। उन्हें मतदान के अधिकार से वंचित किया जा रहा है, क्योंकि लोकतंत्र में ऐसे व्यक्तियों को मतदान का अधिकार नहीं मिलना चाहिए। राहुल गांधी को एसआईआर की प्रक्रिया का समर्थन करना चाहिए। इससे चुनाव में पारदर्शिता आएगी। इससे किसी को कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए।
उन्होंने पश्चिम बंगाल में बाबरी मस्जिद विवाद पर कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ लोग अब भी बाबर को भूल नहीं पा रहे हैं। मुझे यह कहने में दुःख हो रहा है कि ये लोग उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण की खुशी नहीं मानते हैं। बल्कि ये लोग अब भी बाबर को याद कर रहे हैं। क्या हम ऐसे लोगों को अपने समाज में स्वीकार कर सकते हैं जो इतने वर्षों बाद भी बाबर को याद कर रहे हैं? मुझे लगता है कि हमें इन्हें गंभीरता से नहीं लेना चाहिए।
मंत्री नरेंद्र कश्यप ने संघ प्रमुख मोहन भागवत के बयान का समर्थन करते हुए उसे सत्य बताया। उन्होंने कहा कि आज की तारीख में पूरी दुनिया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सुनती है। १७७ देशों ने उनके आह्वान पर योग के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। यही नहीं, उनके कहने पर ही रूस और यूक्रेन का युद्ध समाप्त हो जाता है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि आज की तारीख में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रासंगिकता बढ़ रही है। पूरी दुनिया उन्हें सुनने के लिए तत्पर है। आज भारत एक नेतृत्वकर्ता के रूप में उभरकर सामने आ रहा है, जिसे सभी को स्वीकार करना चाहिए।