क्या सबको साथ लेकर सबकी बात करना पीएम मोदी की पहचान है? - यासर जिलानी

सारांश
Key Takeaways
- प्रधानमंत्री मोदी का पत्र सकारात्मक सोच का प्रतीक है।
- दिल्ली सरकार ने प्रदूषण नियंत्रण में बेहतर प्रदर्शन किया है।
- यासर जिलानी ने आजम खान के बयान की कड़ी आलोचना की।
- नमाज का महत्व मस्जिदों में अदा करने में है।
- दीपावली पर खरीदारी ने नया इतिहास बनाया।
नई दिल्ली, 21 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय जनता पार्टी के नेता यासर जिलानी ने दीपावली के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नागरिकों को लिखे गए पत्र की प्रशंसा की है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का यह संदेश उनके दूरदर्शी विजन और सकारात्मक सोच का प्रतीक है।
जिलानी ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, 'वास्तव में, यह दीपावली ‘जीएसटी बचत उत्सव दीपावली’ बन गई है, क्योंकि पूरे भारत में लोगों ने रिकॉर्ड स्तर पर खरीदारी की है। यह अपने आप में एक नया इतिहास है। प्रधानमंत्री की यह चिट्ठी देशवासियों को प्रेरणा देने वाली है और उन्हें एक सूत्र में बांधती है। प्रधानमंत्री मोदी की पहचान ही यह है कि वे सबको साथ लेकर सबकी बात करते हैं।'
दिल्ली में दीपावली के बाद वायु प्रदूषण की स्थिति पर यासर जिलानी ने कहा कि इस बार प्रदूषण नियंत्रण में दिल्ली सरकार ने अपेक्षाकृत बेहतर काम किया है। उन्होंने कहा, 'रेखा गुप्ता के नेतृत्व वाली दिल्ली की सरकार ने जनहित और पर्यावरण दोनों के लिए जिस तरह से काम किया है, वह सराहनीय है। जिस तरह की इच्छाशक्ति शक्ति के साथ प्रदूषण नियंत्रण का वादा किया गया था, उसे जमीन पर उतारा गया है। सरकार ने कमर कसकर काम किया है और प्रदूषण का स्तर नियंत्रण में है, जिसे और कम करने की दिशा में प्रयास जारी रहेंगे।'
समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान द्वारा दीपावली पर दिए गए विवादित बयान पर जिलानी ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि आजम खान की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है। इस तरह का नफरत फैलाने वाला बयान बेहद शर्मनाक है। दीप जलाना भारतीय संस्कृति का प्रतीक है जो सौहार्द, भाईचारा और शांति का संदेश देता है। आजम खान को यह समझना चाहिए कि वे बहुत लंबे समय बाद जेल से बाहर आए हैं, लेकिन उनकी मानसिकता अब भी नहीं बदली है। उनके प्रति केवल अफसोस और सहानुभूति ही रखी जा सकती है, क्योंकि ऐसे लोग भारत के भीतर नफरत फैलाते हैं, जबकि भारत की पहचान प्रेम और सद्भावना से है।'
महाराष्ट्र में शनिवारवाड़ा मस्जिद मामले पर जिलानी ने कहा कि नमाज के लिए मस्जिदें बनी हैं, इसलिए किसी सार्वजनिक स्थल पर नमाज पढ़ना भारतीय कानूनों का उल्लंघन है। उन्होंने कहा, 'अगर कोई व्यक्ति सड़क या सार्वजनिक स्थान पर नमाज अदा करता है, तो यह उचित नहीं है। नमाज इस्लाम धर्म में आस्था का सबसे बड़ा केंद्रित बिंदु है और इसे मस्जिदों में ही अदा करना चाहिए। अगर किसी स्थान पर इस नियम का उल्लंघन हुआ है, तो प्रशासन को सख्ती से जांच कर उचित कार्रवाई करनी चाहिए।'