क्या सरकार मतदाताओं के अधिकार को कमजोर कर रही है? प्रियंका चतुर्वेदी
सारांश
Key Takeaways
- मतदाता अधिकार: सरकार द्वारा कमजोर किए जा रहे हैं।
- वंदे मातरम: भारत की आत्मा का प्रतीक।
- इंडिगो फ्लाइट: यात्रियों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
- राहुल गांधी: इस मुद्दे को संसद में उठाने का प्रयास करेंगे।
- राष्ट्रीय दुर्भाग्य: सरकार से न्याय की उम्मीद नहीं।
नई दिल्ली, 9 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। संसद के शीतकालीन सत्र में मंगलवार को राज्यसभा में राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम और लोकसभा में चुनाव सुधारों पर महत्वपूर्ण चर्चा चल रही है। शिवसेना (यूबीटी) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने सरकार पर आरोप लगाया है कि वे मतदाताओं के अधिकार को कमजोर कर रही हैं।
प्रियंका चतुर्वेदी ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "यह सकारात्मक है कि एसआईआर (विशेष गहन पुनरीक्षण) पर चर्चा हो रही है। जिस प्रकार बीएलओ के साथ व्यवहार किया जा रहा है, वह लोगों के मतदान अधिकारों को कमजोर कर रहा है और वोटर्स को गलत तरीके से जोड़ा या हटाया जा रहा है। इस पर ध्यान देने की आवश्यकता है। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी इस मुद्दे को उठाएंगे, जैसा कि उन्होंने पहले भी किया है।"
उन्होंने वंदे मातरम के 150 वर्ष पूरे होने पर हुई विशेष चर्चा के बारे में कहा, "सत्र की शुरुआत में कहा गया था कि सांसद वंदे मातरम या जय हिंद जैसे नारे नहीं लगा सकते। इससे अधिक देश विरोधी कार्य और कुछ नहीं हो सकता। मैंने अपनी पार्टी नेतृत्व के साथ मिलकर तुरंत चेयरपर्सन को इस नोटिफिकेशन को वापस लेने के लिए लिखा और हमें भरोसा दिलाया गया कि इसे रद्द किया जाएगा।"
प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, "आजकल इतिहास के कुछ नए पन्नों की व्याख्या की जा रही है। वंदे मातरम हमारे देश की आत्मा है। यह एक ऐसा नारा है जिसने देश को एकजुट किया है, इतिहास बनाया है और हमारे उन सैनिकों को भी प्रेरित किया है जिन्होंने अपनी जान की कुर्बानी दी। इसका सम्मान न करने से अधिक देश विरोधी कुछ भी नहीं हो सकता।"
इंडिगो फ्लाइट में देरी और रद्दीकरण पर प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, "मुझे बहुत निराशा हुई। उन्हें (इंडिगो को) जवाबदेह ठहराने के बजाय उनका बचाव किया गया, जबकि बार-बार फ्लाइट रद्द होने के कारण यात्रियों को एयरपोर्ट पर गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। डीजीसीए और नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने कोई कार्रवाई नहीं की है। नियमों का बार-बार उल्लंघन किया गया है। आज जनता इस सरकार से न्याय या जवाबदेही की उम्मीद नहीं कर सकती। यह राष्ट्रीय दुर्भाग्य की बात है।"