क्या शिवराज सिंह चौहान की मंशा मोहन यादव सरकार को अस्थिर करना है?

सारांश
Key Takeaways
- शिवराज सिंह चौहान का बयान मोहन यादव सरकार पर प्रभाव डालने का प्रयास है।
- किसानों के लिए अमानक बीजों की समस्या गंभीर है।
- कांग्रेस पार्टी किसानों के अधिकारों के लिए खड़ी है।
भोपाल, 7 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा दिए गए अमानक बीजों के संबंध में हालिया बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त की। पटवारी ने कहा कि यह सच है कि मध्य प्रदेश में देश में सबसे अधिक खराब गुणवत्ता वाले बीज बिक रहे हैं। उनका दावा है कि शिवराज सिंह का यह बयान मोहन यादव सरकार को अस्थिर करने का प्रयास है।
पटवारी ने संवाददाताओं से कहा कि मध्य प्रदेश के किसानों के साथ धोखा हो रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्रीय कृषि मंत्री नकली और खराब बीजों का मुद्दा उठाकर किसानों की सहानुभूति हासिल करना चाहते हैं। उनका उद्देश्य राजनीतिक रूप से मुख्यमंत्री मोहन यादव की सरकार को अस्थिर करना है। शिवराज अपने समर्थकों को दिखाना चाहते हैं कि वे अब भी सक्रिय हैं और कभी भी वापसी कर सकते हैं।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने मूंग खरीदी के राज्य सरकार के फैसले का स्वागत किया। उन्होंने मुख्यमंत्री मोहन यादव को धन्यवाद देते हुए कहा कि गेहूं की खरीदी 2,700 रुपए, धान की खरीदी 3,100 रुपए और सोयाबीन की खरीदी 6,000 रुपए प्रति क्विंटल होनी चाहिए। यही हमारी मांग है।
जीतू पटवारी ने शिवराज सिंह चौहान के अमानक बीजों पर दिए बयान का कड़ा जवाब दिया। उन्होंने कहा कि वे कृषि मंत्री हैं और अमानक बीजों की समस्या उनकी जिम्मेदारी है। ऐसे बयान देकर वे अपनी जिम्मेदारी से नहीं बच सकते और न ही किसानों का भरोसा जीत सकते हैं। राज्य में अमानक बीजों में हजारों करोड़ की कमीशनबाजी होती है। जब शिवराज मुख्यमंत्री थे, तब भी यह होती थी। आज भी हो रही है।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने आगे कहा कि उनके पास सबूत और तर्क हैं कि मध्य प्रदेश में देश में सबसे ज्यादा अमानक बीज आते हैं, और इसके लिए भाजपा सरकार जिम्मेदार है। शिवराज सिंह चौहान और मोहन यादव की सरकारें दोनों इस गलती में शामिल हैं। अगर किसानों को नुकसान हुआ, तो कांग्रेस अपना कर्तव्य निभाएगी।